देश की आजादी की लड़ाई में चरखा एक प्रतीक बनकर उभरा था. महात्मा गांधी ने चरखे को हथियार के रूप में इस्तेमाल कर लोगों को एकजुट किया था. सूत कातने के काम में आने वाला चरखा भले ही आज गांधीजी की धरोहर के तौर पर देखा जाता है, लेकिन मध्य प्रदेश के सतना जिले के एक गांव के लिए ये गुजर-बसर करने का बड़ा साधन है. इस गांव में चरखा चलने से ही लोगों के घरों का चूल्हा जलता है.
The spinning wheel had emerged as a symbol in the freedom struggle of the country. Mahatma Gandhi united the people by using the charkha as a weapon. The spinning wheel, which is used for spinning yarn, may be seen as a heritage of Gandhiji today, but for a village in Satna district of Madhya Pradesh, it is a big means of subsistence. In this village, the stove of people's houses burns only by spinning the spinning wheel.