हौसले बुलंद हों तो कोई रास्ता मुश्किल नहीं. सिवान की प्रियांशु बुलंद हौसले की ऐसी ही मिसाल है. 11 साल की प्रियांशु एक पैर से चलती है लेकिन पढ़ने की ललक ऐसी है कि रोज़ एक पैर पर कूदते हुए स्कूल जाती है. प्रियांशु का स्कूल घर से एक किलोमीटर दूर है लेकिन पढ़ने के जुनून में प्रियांशु हर रोज़ बिना रुके एक पैर पर स्कूल का सफ़र तय करती है. आर्टिफिशियल लेग से प्रियांशु का दोनों पैरों पर चलने का सपना साकार हो सकता है लेकिन परिवार की गरीबी प्रियांशु के सपने का रास्ता रोक रही है.
If the spirits are high, then no path is difficult. Siwan's Priyanshu is one such example of high spirits. 11-year-old Priyanshu walks on one leg, but the urge to study is such that every day he jumps on one leg and goes to school.