4 जनवरी 2024 को लैगरेंज प्वाइंट में स्थापित इसको का सैटेलाइट आदित्य L-1 सूर्य की सतह और उसके आस-पास होने वाली हलचल को समझने का सबसे कारगर जरिया बन गया है. बीते 16 जुलाई को आदित्य L1 ने धरती की तरफ बढ़ते एक सौर तूफान को कैप्चर किया था. इसके अलावा 23 जुलाई को भी इसने कोरोनल मास इजेक्शन की गतिविधि कैप्चर की थी. अंतरिक्ष वैज्ञानिकों के लिए आदित्य L-1 के भेजे गए डेटा वरदान साबित हो रहे हैं.