भारतीय सेना की त्रिशक्तिकोर ने एक महीने तक चले युद्धाभ्यास में टी-90 भीष्म टैंकों की ताकत को परखा. इस अभ्यास का मुख्य उद्देश्य सिलीगुड़ी कॉरिडोर और सिक्किम की सुरक्षा सुनिश्चित करना था. भीष्म टैंक दुनिया के सबसे शक्तिशाली टैंकों में गिना जाता है. इसके अलावा, भारत के पहले माउंटेन टैंक 'जोरावर' का भी निर्माण भारत में ही किया जाएगा. यह टैंक दुर्गम पहाड़ी युद्धक्षेत्रों में आसानी से पहुंच सकता है.