प्रभु श्री राम का जो धाम है उसका मोक्ष साईनी अयोध्या नाम है. हर साल चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि को रामनवमीं का पर्व मनाया जाता है और माना जाता है कि इस दिन भगवान श्रीराम का जन्म हुआ था और इसी के कारण इस दिन प्रभु रामलला का जन्मोत्सव मनाने के साथ साथ पूजा भी की जाती है. मान्यता है की इस दिन श्रीराम के साथ माता सीता की पूजा करने से साधक को हर एक दुख दर्द से निजात मिलती है और सुखसमृद्धि की प्राप्ति होती है. इसी के साथ इस दिन मां दुर्गा के नवे स्वरूप यानी की मां सिद्धिदात्री की आराधना भी होनी है. विधान क्या है बताएंगे इसके अलावा कई दुर्लभ सहयोग भी बन रहे है. जिसकी वजह से इसे महासहयोग की रामनवमीं कहा जा रहा है.