नवरात्र के पावन मौके पर देवी दुर्गा के नौ रूपों की आराधना के साथ ही देश और दुनिया के तमाम हिस्सों में रामलीलाओं का मंचन भी शुरू हो जाता है. ब्रह्म मुहूर्त में यानी सुबह-सुबह देवी के मंदिरों में श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ती है तो शाम को लोग पूरी भक्तिभाव के साथ रामलीला देखने के लिए अपने-अपने घरों से निकल जाते हैं. शक्ति और वैष्णव का ये समन्वय नौरात्र का सबसे अनोखा पहलू है. आज की खास पेशकश में हम आपको बताएंगे कि रामलीला में किरदार निभाने वाले कलाकारों और दूसरे नाटकों या फिल्मों में किरदार निभाने वाले कलाकारों के बीच आखिर क्या फर्क होता है.