कुंडली में रक्त और सुरक्षा का कारक मंगल होता है. स्वास्थ्य की हर तरह की मजबूती मंगल ही प्रदान करता है. मंगल खून खराबे का स्वामी भी होता है और हिंसा भी करवाता है परन्तु जब यही हिंसा व्यक्ति के कल्याण के लिए हो तो इसे शल्य चिकित्सा कहा जाता है. मूल रूप से मंगल ही शल्य चिकित्सा के लिए जिम्मेदार होता है - शल्य चिकित्सा के लिए अग्नि राशियां और अग्नि तत्व की सबसे बड़ी भूमिका होती है - वृश्चिक राशि को भी शल्य चिकित्सा से जोड़ा जाता है