तंत्र साधना में , विशेष रूप से शिव की तंत्र साधना में भैरव का विशेष महत्व है. भैरव वैसे तो शिव जी के ही रौद्र रूप हैं , परन्तु कहीं कहीं पर इनको शिव का पुत्र भी माना जाता है. कहीं कहीं पर ये भी माना जाता है कि , जो कोई भी शिव के मार्ग पर चलता है , उसे भैरव कहा जाता है. इनकी उपासना से भय और अवसाद का नाश होता है , व्यक्ति को अदम्य साहस मिल जाता है. शनि और राहु की बाधाओं से मुक्ति के लिए भैरव की पूजा अचूक होती है. मार्गशीर्ष में भगवान भैरव की विशेष उपासना कालाष्टमी पर की जाती है. इस बार कालाष्टमी 22 नवम्बर को मनाई जाएगी.