कोई उम्मीद नहीं कर सकता कि ये तस्वीर प्लेन की है. जहां ना सीट का झंझट हो सकता है और ना रिजर्वेशन की टेंशन. सवारी भी क्षमता से ज्यादा नहीं आ सकते फिर पंगा किस बात का. यहां मुद्दा इगो का है. कभी कभी सलीकेदार लोगों का भी इगो इतना छोटा हो जाता है कि वो मामूली बात पर भी अड़कर भिड जाते हैं. लेकिन हवाई जहाज में क्यों. इस सवाल का जवाब भी जरूरी है. लेकिन इसके बाद जो हुआ है उसे सभ्य समाज के किसी भी पैमाने पर सही नहीं कहा जा सकता. और इसीलिए जरूरी है कि इसे लेकर हॉर्न बजाया जाए.
A comfortable journey is expected by taking an air ticket of thousands of rupees, but something shameful happened in the Air India flight coming from America to Delhi.