उड़ने दो परिंदों को अभी शोख़ हवा में फिर लौट के बचपन के ज़माने नहीं आते. किसी ने क्या खूब कहा है कि वो बचपन ही है जिसे हर कोई लौटकर जीना चाहता है. हम सभी की जिंदगी की सबसे खूबसूरत किताब है बचपन, जिसका हर पन्ना मासूमियत,शरारत और किसी चीज को पीने की जिद से भरा होता है. वो बचपन ही तो है जो लाड़, दुलार, उछलकूद, का लबादा ओढ़े रहता है. ज्योतिष विज्ञान कहता है कि बच्चों के भटकाव के पीछे जिम्मेदार होते हैं ग्रह. जो कभी शुभ फल देते हैं. तो कभी इन ग्रहों का असर नकारात्मक होता है. चलिए जानते हैं कि वो कौन से ग्रह है जो बच्चों की जिंदगी में उलझन पैदा करते हैं.