आज का आस्था का सफर बाबा के उस धाम का जहां एक ही शहर में एक ही नाम से बाबा के दो धाम हैं. महादेव के जिस धाम से एक क्रांतिकारी और विद्वान की इच्छाशक्ति जुड़ी हुई है. भोल-भंड़ारी के इस धाम को अध्यापकों और विद्यार्थियों के बीच स्थापित कर तीर्थ बना दिया. ये वो धाम हैं, जो अध्यातम के साथ हमारी संस्कृति और विरासत को सजोए हुए है. काशी जहां के घट-घट में बसते हैं बाबा अविनाशी. जहां वास है शम्भुनाथ का, त्रिलोकी नाथ का, बाबा विश्वनाथ का. जहां मां गंगा की गोद में श्रद्धालु आस्था की डूबकी लगाते हैं, तो मन पावन हो जाता है. आज के इस एपिसोड में आपको बताएंगे काशी हिंदू विश्वविद्यालय में बने विश्वनाथ मंदिर के बारे में.
Today's journey of faith to that Dham of Baba where there are two Dhams of Baba with the same name in the same city. The Dham of Mahadev to which the will of a revolutionary and scholar is attached. Established this Dham of Bhol-Bhandari among teachers and students and made it a pilgrimage. These are the dhams, which have adorned our culture and heritage along with spirituality. Baba is imperishable in Kashi where he resides. Where is the abode of Shambhunath, of Triloki Nath, of Baba Vishwanath. Where devotees immerse their faith in the lap of Mother Ganga, then the mind becomes pure. In today's episode, we will tell you about Vishwanath temple built in Banaras Hindu University.