कहते हैं उम्र महज एक नंबर है. अगर आपने ठान लिया है तो उम्र किसी भी तरह आपकी खुशियों में बाधा नही बन सकती है. और हरियाणा में चरखी दादरी के 72 साल के एक बुजुर्ग इस बात को साबित कर रहे हैं. इस बुजुर्ग का नाम है मिल्खा सिंह उर्फ रामकिशन शर्मा, जिन्होंने अब तक देश और विदेश में सीनियर सिटीजन की रेस में 300 से भी ज्यादा गोल्ड मेडल जीत भारत का नाम रोशन कर दिया है.
पोते के साथ पहुंचे थे खेल के मैदान
खेलों में अपनी शुरुआत रामकिशन शर्मा ने 65 की उम्र में की थी. अब हुआ यूं कि रामकिशन अपने पोते के साथ एक दिन मैदान पहुंचे. वहां देखा कि सीनियर सिटीजन की रेस हो रही है. आयोजकों ने उन्हें भी जुड़ने के लिए कहा. पर रामकिशन ने उनसे कहा कि वह तो 65 के हैं और रेस 60 की उम्र वालों के लिए हो रही है.
लेकिन आयोजकों का कहना था कि लोग कम है इसलिए बस दौड़ लगा लिजिए. आपको कौन-सा जीतना है. हालांकि, जब दौड़ शुरू हुई तो रामकिशन ने रिकॉर्ड बनाक दौड़ जीती. इसके बाद ऐसा माहौल बना कि पिछले 7 सालों लगातार एक के बाद एक रेस जीतने का सिलसिला चल रहा है.
हरियाणा सरकार ने किया सम्मानित
रामकिशन का रूटीन अब बहुत अलग है. अब वह सुबह जल्दी उठ कर कसरत करते हैं. इसके बाद आस पास के क्षेत्र में रेस करने के लिए निकल जाते हैं. रामकिशन शर्मा कहते हैं कि लोग अब उनका नाम जानते हैं. हरियाणा सरकार ने उनको सम्मानित किया है. वह कहते हैं कि उन्हें खुद यकीन नही होता कि वह कैसे इतना तेज दौड़ पाते हैं.
रामकिशन शर्मा के मित्र वीरेन्द्र आर्या कहते है कि उनके लिए यकीन करना मुश्किल था कि ये इस उम्र में आकर ऐसे रिकॉर्ड बनाएंगे. अब तक वे 2000 से ज्यादा रेस में हिस्सा ले चुके हैं और हर रेस में जीते हैं. अवॉर्ड और मेडल से पूरा घर भर गया है. अब हरियाणा के 72 साल के इस रेसर का सपना है कि वह विदेशी धरती पर भारत को गोल्ड मेडल जिताए.