14 वर्षीय भरत सुब्रमण्यम (Bharath Subramaniyam) भारत के 73वें शतरंज ग्रैंडमास्टर (India's 73rd Chess Grandmaster) बन गए हैं. उन्होंने हाल ही में इटली में एक टूर्नामेंट में तीसरा और अंतिम ग्रैंडमास्टर (जीएम) मानदंड हासिल किया है.
सुब्रमण्यम चेन्नई के रहने वाले हैं. बचपन शतरंज खेल रहे सुब्रमण्यम ने टूर्नामेंट के नौ राउंड में 6.5 अंक हासिल किए और कैटोलिका में आयोजित कार्यक्रम में कुल मिलाकर सातवें स्थान पर रहे. उन्होंने यहां अपना तीसरा जीएम मानदंड प्राप्त किया और उनके ईएलओ अंक 2500 हो गए.
हालांकि उनके साथी भारतीय खिलाड़ी एमआर ललित बाबू सात अंकों के साथ टूर्नामेंट में विजेता रहे.
छह गेम जीतकर हासिल किया लक्ष्य:
वहीं सुब्रमण्यम (Bharath Subramaniyam) ने छह गेम जीते, एक ड्रा रहा और अन्य दो वह कोरोबोव और ललित बाबू के खिलाफ हार गए. आपको बता दें कि ग्रैंडमास्टर बनने के लिए एक खिलाड़ी को तीन जीएम मानदंडों को सुरक्षित करना होता है और 2,500 ईएलओ अंकों की लाइव रेटिंग को पार करना होता है.
सुब्रमण्यम ने फरवरी 2020 में मॉस्को में एअरोफ़्लोत ओपन में 1 वां स्थान हासिल करने के बाद अपना पहला जीएम मानदंड हासिल किया था. इसके बाद उन्होंने अक्टूबर 2021 में 6.5 अंकों के साथ बुल्गारिया में जूनियर राउंडटेबल अंडर 21 टूर्नामेंट में चौथा स्थान हासिल करने के बाद दूसरा मानदंड हासिल किया.
लगभग 12 साल की उम्र में बने थे इंटरनेशनल मास्टर:
सुब्रमण्यम के कोच एम श्याम सुंदर भी एक ग्रैंडमास्टर हैं और उन्होंने सुब्रमण्यम की जीत पर ख़ुशी जताते हुए ट्वीट किया है कि भारत के लेटेस्ट ग्रैंड मास्टर बनने के लिए भरत को बधाई. इस नए साल में नए लक्ष्यों पर ध्यान दिया जायेगा.
सुब्रमण्यम 2019 में 11 साल 8 महीने की उम्र में इंटरनेशनल मास्टर बन गए थे. संकल्प गुप्ता के 71वें जीएम बनने के दो दिन बाद मित्रभा गुहा पिछले नवंबर में देश की 72वीं जीएम बनी थीं. और अब सुब्रमण्यम 73वें जीएम बने हैं.
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