7 जून का दिन क्रिकेट के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण दिन है. इस दिन ही साल 1975 में पहले वनडे वर्ल्ड कप की शुरुआत हुई थी. भारतीय क्रिकेट फैंस के लिए ये दिन और भी ज्यादा ऐतिहासिक है, क्योंकि इस वर्ल्ड कप का पहला मुकाबला भारत और इंग्लैंड के बीच खेला गया था. इस मैच में टीम इंडिया के बल्लेबाज सुनील गावस्कर की उस पारी को हर भारतीय फैंस भूलना चाहता है. चलिए वर्ल्ड कप के पहले मैच की यादगार पहलुओं के बारे बताते हैं.
7 जून 1975 को खेला गया था पहला मैच-
वनडे क्रिकेट वर्ल्ड कप का पहला इंग्लैंड और टीम इंडिया के बीच खेला गया था. यह मैच लॉर्ड्स के मैदान पर खेला गया था. यह मैच भारत का पहला वनडे मैच भी था. इस वर्ल्ड कप में मैच 60 ओवर का खेला गया था. इस मैच में इंग्लैंड की टीम ने 334 रन का विशाल स्कोर खड़ा किया था. इसके जवाब में खेलने उतरी टीम इंडिया सिर्फ 132 रन ही बना सकी और मैच हार गई. इंग्लैंड ने यह मैच 202 रन से जीत लिया था.
इंग्लैंड ने बनाया था विशाल स्कोर-
इस मैच में इंग्लैंड के कप्तान माइक डेनिस ने टॉस जीता और पहले बल्लेबाजी का फैसला किया. इंग्लैंड के बल्लेबाजों ने कप्तान के फैसले को सही साबित किया. जॉन जेमसन और डेनिस एमिस की जोड़ी मैदान पर उतरी. दोनों खिलाड़ियों ने टीम का इस्कोर 54 रन तक पहुंचाया. इस स्कोर पर अमरनाथ ने जॉन जेमसन को आउट किया. इसके बाद क्रीज पर कीथ फ्लेचर आए और उन्होंने डेनिस का पूरा साथ दिया. दोनों ने टीम का स्कोर 230 रन पहुंचा दिया. फ्लेचर 68 रन बनाकर आउट हुए. जबकि डेनिस एमिस ने शानदार 137 रनों की पारी खेली. इंग्लैंड की तरफ से क्रिस ओल्ड ने भी 51 रन की पारी खेली थी. 60 ओवर के इस मैच में इंग्लैंड की टीम ने 4 विकेट खोकर 334 रन बनाए थे.
टीम इंडिया की पारी-
टीम इंडिया के सामन 335 रन का विशाल टारगेट था और टीम पहली बार वनडे मैच खेल रही थी. इस मैच में भी टीम इंडिया टेस्ट मैच की तरह बैटिंग करती नजर आई. पूरी टीम 60 ओवर में सिर्फ 132 रन ही बना सकी. जबकि टीम के सिर्फ 3 विकेट गिरे थे. सबसे ज्यादा जी. विश्वनाथ ने 37 रन बनाए थे. इसके अलावा सुनील गावस्कर ने 36 रन की पारी खेली थी. अंशुमान गायकवाड़ ने 22 रन बनाए थे. ब्रजेश पटेल 16 रन बनाकर नाबाद रहे थे.
गावस्कर ने की थी धीमी बल्लेबाजी-
सुनील गावस्कर ने इस मैच में ओपनिंग करने उतरे थे और अंत तक आउट नहीं हुए. हालांकि इस दौरान उन्होंने सिर्फ 36 रन की पारी खेली थी. इसके लिए गावस्कर ने 174 गेंदों का सामना किया था. गावस्कर की धीमी बल्लेबाजी का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि इस पारी के दौरान उन्होंने सिर्फ एक चौका लगाया था. गावस्कर की पारी इतनी स्लो थी कि इंग्लैंड के खिलाड़ी चाहते थे कि गावस्कर आउट ना हों. गावस्कर की पारी का इंग्लैंड के ओपनर ज्योफ्री बॉयकॉट ने मजाक उड़ाया था और कहा था कि हम तो मना रहे थे कि गावस्कर आउट ही ना हों, ऐसे ही खेलते रहें. गावस्कर को देखकर हर भारतीय खिलाड़ी सोच रहा था कि गावस्कर कब आउट होंगे?
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