आदिल अल्ताफ ने खेलो इंडिया यूथ गेम्स में जम्मू-कश्मीर के लिए पहला साइकिलिंग गोल्ड मेडल जीतकर इतिहास रच दिया है. इन्होंने लड़कों की 70 किलोमीटर रोड रेस में परचम लहराया है. इतना ही नहीं आदिल ने पिछले दिन 28 किलोमीटर की रेस में रजत पदक जीता था. इसके लिए जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने भी उन्हें बधाई दी.
आदिल ने इसे एक बड़ी जीत बताया है क्योंकि, उनके लिए महाराष्ट्र के सिद्धेश पाटिल और दिल्ली के अरशद फरीदी को हराना थोड़ा मुश्किल था लेकिन, उन्होंने दोनों को ही पछाड़ते हुए गोल्ड अपने नाम कर लिया. जीत के बाद उन्होंने कहा कि यह उनके लिए एक बड़ी जीत है. क्योंकि उन्होंने इसके लिए कड़ी मेहनत की थी.
कैसे सीखी थी साइकिलिंग
आदिल कश्मीर के श्रीनगर जिले के लाल बाजार की पतली-पतली गलियों में साइकिल चलाते थे. बाजार की भीड़-भाड़ वाली जगहों पर ही उन्होंने बचपन से साइकिल चलाना सीखा है. उन्हें साइकिल चलाना बचपन से ही बेहद पसंद था.
पिता के लिए साइकिल में सामान लाते थे आदिल
आदिल बचपन से ही अपने पिता की काम में मदद करते थे. वह अक्सर अपने पिता के लिए सामान लाया करते थे. जब वह 15 साल के हुए तो पहली बार उन्होंने अपने स्कूल कश्मीर हार्वर्ड में एक साइकिलिंग प्रतियोगिता में भाग लिया. यही वह समय था जब उन्होंने इसे काफी गंभीरता से ले लिया था और आगे कई प्रतियोगिताओं में भाग लेने लगे.
गोल्ड जीतने के बाद आदिल ने कहा- "यह मेरे लिए एक बड़ा क्षण है, मैं यहां अच्छा प्रदर्शन करने के भरोसे आया था लेकिन, गोल्ड मेडल ने मेरा आत्मविश्वास और ज्यादा बढ़ा दिया"
पिता ने साइकिल दिलाने के लिए की दोगुनी मेहनत
आदिल एक गरीब परिवार से ताल्लुक जरूर रखते हैं लेकिन, उनके पिता ने कभी उनके सपनों के आड़े इस गरीबी को नहीं आने दिया. उन्होंने बेटे को साइलिक दिलाने के लिए दोगुनी मेहनत की. आदिल ने जब स्थानीय आयोजनों में जीतना शुरू किया तो भारतीय स्टेट बैंक भी उनकी मदद के लिए आगे आया और उनको एमटीबी साइकिलिंग बाइक दिलाने में मदद की, जिसकी कीमत 4.5 लाख रुपये थी।.
ये भी पढ़ें :