कभी टेनिस तो कभी क्रिकेट...कुछ ऐसी है ऑस्ट्रेल‍ियाई ओपन विजेता एश्ले बार्टी की कहानी

विश्न की नंबर एक महिला टेनिस खिलाड़ी एश्ले बार्टी ने ऑस्ट्रेलियन ओपन महिला एकल खिताब जीत लिया है. शनिवार को खेले गए फाइनल मुकाबले में बार्टी ने अमेरिकी डेनियल कोलिन्स को 6-3, 7-6 (7/2) से हराकर खिताब अपने नाम किया. बार्टी पहली ऐसी ऑस्ट्रेलियाई महिला हैं, जिन्होंने 44 साल बाद ये खिताब जीता है.

Ashleigh Barty
सुरभि शुक्ला
  • नई दिल्ली,
  • 30 जनवरी 2022,
  • अपडेटेड 9:42 PM IST
  • टेनिस छोड़ बन गई क्रिकेटर
  • बचपन से था टेनिस का शौक

विश्न की नंबर एक महिला टेनिस खिलाड़ी एश्ले बार्टी ने ऑस्ट्रेलियन ओपन महिला एकल खिताब जीतकर इत‍िहास रच द‍िया है. शनिवार को खेले गए फाइनल मुकाबले में बार्टी ने अमेरिकी डेनियल कोलिन्स को 6-3, 7-6 (7/2) से हराकर खिताब अपने नाम किया. बार्टी पहली ऐसी ऑस्ट्रेलियाई महिला हैं, जिन्होंने 44 साल बाद ये खिताब जीता है. बार्टी के लिए अद्भुत क्षण इसलिए भी था क्योंकि 1978 में ऑस्ट्रेलिया ओपन जीतने वाले लास्ट होम ग्रोन प्लेयर ओ'नील भी उस वक्त स्टेडियम में मौजूद थे.

बचपन से था टेनिस से लगाव
एश्ले बार्टी का जन्म 24 अप्रैल 1996 में ऑस्ट्रेलिया के क्वींसलैंड के इपस्विच शहर में हुआ था. इनके पिता का नाम रोबर्ट बार्टी है, जो क्वींसलैंड की स्टेट लाइब्रेरी में काम करते हैं. एश्ले को बचपन से ही टेनिस का शौक था. वह पहले नेटबॉल खेलती थीं, बाद में उनका रूझान टेनिस की तरफ हुआ और उन्होंने नेटबॉल छोड़ दिया. एश्ले ने टेनिस तब खेलना शुरू किया जब वो मात्र 4 साल की थीं. एश्ले जब 9 साल की थीं तो अपने से 6 वर्ष बड़े लड़कों के साथ टेनिस की प्रैक्टिस करती थीं.

ऐसे हुई शुरुआत
एश्ले ने शुरुआत से ही जूनियर टेनिस और प्रोफेशनल टेनिस में अपना दबदबा कायम कर लिया था. सिंगल्स और डबल्स मुकाबले में एश्ले बार्टी इंटरनेशनल टेनिस फेडरेशन में दूसरे रैंक पर थीं. एश्ले ने 2009 में 13 वर्ष की उम्र में ITF जूनियर सर्किट पर लो लेवल इवेंट खेलना शुरू किया था और 14 वर्ष की उम्र में पहले ग्रेड 4 ऑस्ट्रेलियन इंटरनेशनल में अपना पहला खिताब जीता. एश्ले ने अपना पहला जूनियर ग्रैंड स्लैम इवेंट 2011 में ऑस्ट्रेलियन ओपन में खेला था, जहां वह अपना पहला मैच लॉरेन डेविस से हार गई थीं. एश्ले ने 15 साल की उम्र में विंबलडन में पहला और आखिरी जूनियर ग्रैंड स्लैम खिताब जीता था.

टेनिस छोड़ बन गई क्रिकेटर
साल 2014 में यूएस ओपन के पहले ही दौर से बाहर होने के बाद बार्टी ने टेनिस से ब्रेक लेने का फैसला किया और 2015 में बल्ला थाम लिया. बार्टी अपनी इस हार से इतनी नाखुश थीं कि टेनिस खेलना तो दूर उन्होंने इसके बारे में बात करना भी बंद कर दिया था. उस दौरान उनकी सिंगल रैंकिंग 216 और डबल रैंकिंग 40 थी. उन्होंने 2015 में ऑलराउंडर के रूप में महिला बिग बैश में ब्रिसबेन हीट के लिए नौ और क्वींसलैंड वूमेन के लिए एक मैच खेला. साल 2016 में उन्होंने टेनिस में वापसी की.

विबंलडन भी नाम किया
जुलाई 2021 में एश्ले बार्टी ने 40 वर्ष बाद ऑस्ट्रेलिया को महिला एकल का विबंलडन खिताब दिला दिया. दुनिया की नंबर वन खिलाड़ी एश्ले बार्टी ने महिला सिंगल्स के फाइनल में कैरोलिना प्लिस्कोवा को 6-3, 6-7, 6-3 से हराकर विम्बलडन टेनिस ग्रैंडस्लैम ट्रॉफी अपने नाम की. यह बार्टी का दूसरा ग्रैंडस्लैम खिताब था.

 

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