T20 World Cup 2024: 300 साल पुराना है अमेरिका से क्रिकेट का रिश्ता, राष्ट्रपति भी खेला करते थे यह खेल, क्या वर्ल्ड कप के आयोजन से हो सकेगा पुनर्जन्म?

अमेरिकी दस्तावेजों में क्रिकेट का उल्लेख सन् 1709 तक तलाशा जा सकता है. अमेरिका के पहले राष्ट्रपति जॉर्ज वाशिंगटन भी इस खेल को पसंद करते थे लेकिन आज क्रिकेट अमेरिका की जमीन पर अपने पैर टिकाने की कोशिश कर रहा है.

T20 World Cup 2024 (Screengrab/ICC)
शादाब खान
  • नई दिल्ली ,
  • 02 जून 2024,
  • अपडेटेड 1:34 AM IST

करीब ढाई साल पहले नवंबर 2021 में जब आईसीसी (International Cricket Council) ने अमेरिका को टी20 वर्ल्ड कप 2024 की मेजबानी दी तो कई क्रिकेट पंडित चौंक गए. न सिर्फ अमेरिका में क्रिकेट की लोकप्रियता कम है, बल्कि अमेरिका ने पिछले 20 सालों से किसी बड़े आईसीसी टूर्नामेंट के लिए क्वालीफाई भी नहीं किया था. 

यह जरूर कहा जा सकता है कि अमेरिका खेल अर्थव्यवस्था का सबसे बड़ा बाजार है. वेस्ट इंडीज के साथ-साथ अमेरिका को टी20 वर्ल्ड कप की मेजबानी देने के पीछे आईसीसी की मंशा थी कि वह इस देश में क्रिकेट को लोकप्रिय बना सके और बाजार में थोड़ी हिस्सेदारी हासिल कर सके. अमेरिका ने भी इस कोशिश को सफल बनाने के लिए मार्केटिंग और इंफ्रास्ट्रक्चर पर पानी की तरह पैसा बहाया. लेकिन क्या टी20 वर्ल्ड कप 2024 एक सफल आयोजन बन पाएगा? इस सवाल का जवाब दो पहलुओं पर निर्भर है.
पहला, क्या टी20 वर्ल्ड कप अमेरिकी खेल प्रेमियों को आकर्षित करेगा?
और दूसरा, क्या अमेरिकी टीम इस टूर्नामेंट में अच्छा प्रदर्शन कर पाएगी?

300 साल पुराना है अमेरिका और क्रिकेट का संबंध
ब्रिटिश शासन के तहत रह चुके अन्य देशों की तरह ही अमेरिका में भी क्रिकेट उपनिवेशवाद के दौर से खेला जा रहा है. इस समय भले ही अमेरिका में क्रिकेट अपने शुरुआती चरण में लगे लेकिन इस देश से क्रिकेट का संबंध 300 साल पुराना है. इतिहासकारों के अनुसार अमेरिकी दस्तावेजों में क्रिकेट का उल्लेख सन् 1709 तक तलाशा जा सकता है. ईएसपीएन क्रिकइन्फो पर प्रकाशित लेख "क्रिकेट इन द यूएसए" के अनुसार, शुरुआती दिनों में ब्रिटिश सैनिक और अमेरिकी जमीनदार साथ क्रिकेट खेला करते थे. 

अमेरिका की आजादी के बाद भी यह खेल देशभर में इतना लोकप्रिय था कि अमेरिका के फाउंडिंग फादर्स (Founding Fathers) भी इस खेल से प्रेम करते थे. उनमें से एक जॉन ऐडम्स ने 1780 के दशक में अमेरिकी संसद में खड़े होकर कहा था कि अगर क्रिकेट क्लब के अध्यक्ष को 'प्रेसिडेंट' कहा जा सकता है तो नए राष्ट्र के अध्यक्ष को भी यही कहा जाना चाहिए. इंडियन एक्सप्रेस की एक रिपोर्ट के अनुसार, अमेरिका के पहले राष्ट्रपति जॉर्ज वाशिंगटन भी क्रिकेट खेला करते थे. 

19वीं सदी के अंतिम वर्षों में अमेरिका में क्रिकेट की लोकप्रियता कम होती गई क्योंकि यह कुलीन वर्ग का खेल बनकर रह गया. 20वीं सदी की शुरुआत में जहां ऑस्ट्रेलिया और इंग्लैंड में क्रिकेट का विकास हो रहा था, वहीं अमेरिका में इसकी लोकप्रियता गिरती जा रही थी. सन् 1909 में आईसीसी (Imperial Cricket Conference) के गठन के साथ अमेरिका को एक और झटका लगा. आईसीसी उस समय सिर्फ कॉमनवेल्थ से जुड़े देशों को ही मान्यता दे रहा था. अमेरिका को आईसीसी से बाहर कर दिया गया. धीरे-धीरे बेसबॉल ने अमेरिकी समाज में अपनी जगह बना ली और गेंद-बल्ले से खेला जाने वाला देश का सबसे लोकप्रिय खेल बन गया. 

सन् 1965 में आईसीसी के अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट काउंसिल बनने के बाद अमेरिका को दोबारा मान्यता दे दी गई. लेकिन इस समय तक क्रिकेट पेशेवर न होने के कारण अमेरिका में काफी हद तक पिछड़ चुका था. करीब छह दशक बाद अपने पहले आईसीसी टूर्नामेंट की मेजबानी करते हुए अमेरिका के पास मौका है कि वह क्रिकेट के लिए अपने देश में कोई जमीन तलाश ले. 

अमेरिका में सफल हो पाएगा टी20 वर्ल्ड कप?
अमेरिका ने क्रिकेट के महासमर के लिए पैसा तो खूब खर्च किया है लेकिन क्या स्थानीय लोगों पर इसका कोई सकारात्मक असर पड़ा है? ईएसपीएन क्रिकइन्फो के लिए लिखे गए एक आर्टिकल में कैमरन पॉन्सॉबी बताते हैं कि टी20 वर्ल्ड कप की चकाचौंध अब तक अमेरिका की आम जनता का ध्यान अपनी ओर आकर्षित नहीं कर पाई है. लेकिन आईसीसी के लिए इस तरह के आयोजन बेहद जरूरी हैं ताकि खेल की अर्थव्यवस्था को 'बिग थ्री' (भारत, ऑस्ट्रेलिया, इंग्लैंड) से आगे बढ़ाया जा सके.

पॉन्सॉबी लिखते हैं, "यह सही नहीं कि यह खेल एक ओर "बिग थ्री" के बीच वित्त की एकाग्रता पर शोक मनाए और दूसरी ओर अमेरिका जैसे देश में आयोजन की बात सुनकर हंसे." 

भले ही बीते कुछ सालों में भ्रष्टाचार और प्रशासनिक अनियमितताओं ने अमेरिकी क्रिकेट के विकास को रोका है. लेकिन अगर अमेरिकी टीम इस वर्ल्ड कप में अच्छा प्रदर्शन करती है तो देश में खेल की लोकप्रियता बढ़ाने का इससे बेहतर तरीका नहीं होगा.

टी20 वर्ल्ड कप के पहले मैच में कनाडा के खिलाफ (USA vs Canada) अमेरिकी टीम ने सकारात्मक संकेत भी दिए हैं. डैलास का ग्रैंड प्रेरी स्टेडियम भले ही टी20 वर्ल्ड कप के उद्घाटन मैच में खाली पड़ा हो लेकिन अमेरिका के उप कप्तान ऐरन जोन्स की आतिशी बल्लेबाजी ने मैदान में मौजूद चुनिंदा फैन्स का मनोरंजन जरूर किया होगा. अगर जोन्स और बाकी अमेरिकी टीम इसी तरह के प्रदर्शन के साथ टूर्नामेंट के दूसरे चरण में भी पहुंच पाती है तो यह अमेरिका में पेशेवर क्रिकेट की उन्नति के लिए अच्छी खबर होगी. 

 

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