Jyothi Yarraji Story: पिता गार्ड, मां अस्पताल में सफाई कर्मचारी... ऐसे परिवार में पली-बढ़ी हैं Asian Championship में गोल्ड जीने वाली 24 साल की ज्योति याराजी

Asian Atheletics championship में ज्योति याराजी ने विमेंस 100 मीटर हर्डल रेस में गोल्ड मेडल जीतकर इतिहास रच दिया. ज्योति के पिता प्राइवेट सुरक्षा एजेंसी में गार्ड की नौकरी करते हैं और मां एक अस्पताल में सफाई कर्मचारी हैं.

एशियाई एथलेटिक्स चैंपियनशिप में ज्योति याराजी ने गोल्ड जीता (Photo/Twitter)
gnttv.com
  • नई दिल्ली,
  • 14 जुलाई 2023,
  • अपडेटेड 5:32 PM IST

थाईलैंड में चल रही 25वीं एशियाई एथलेटिक्स चैंपियनशिप में भारत की ज्योति याराजी ने इतिहास रच दिया. उन्होंने विमेंस 100 मीटर हर्डल रेस में गोल्ड मेडल जीता है. ज्योति ऐसा करने वाली पहली भारतीय एथलीट हैं. ज्योति ने ये रेस 13.09 सेकंड में पूरा किया. इससे पहले ज्योति ने कई बार राष्ट्रीय रिकॉर्ड तोड़ा है. ज्योति भारत की सबसे प्रतिभाशाली एथलीट के तौर उभकर सामने आई हैं.

पिता गार्ड, मां सफाई कर्मचारी-
ज्योति याराजी का जन्म 28 अगस्त 1999 को आंध प्रदेश के विशाखापट्टनम में हुआ था. उनके परिवार की आर्थिक हालत कुछ खास नहीं थी. सीमित साधनों में ज्योति ने अपना बचपन गुजारा है. ज्योति के पिता सूर्यनारायण एक प्राइवेट सुरक्षा गार्ड के तौर पर काम करते हैं. जबकि उनकी मां शहर के एक अस्पताल में स्लीनर के तौर पर पार्ट टाइम काम करती हैं.

बचपन से खेल में थी रूचि-
ज्योति स्कूल के दिनों से ही दौड़ में अच्छी थी. विजाग के पोर्ट हाई स्कूल में फिजिकल एजुकेशन की टीचर ने उनके टैलेंट को पहचान लिया था. एजुकेशन टीचर ने महसू किया कि हर्डलर बनने के लिए ज्योति का कद काफी अच्छा है. इसके बाद ज्योति ने पीछे मुड़कर नहीं देखा.

ओलंपियन रमेश ने दी ट्रेनिंग-
एथलीट ज्योति याराजी ने आचार्य नागार्जुन विश्वविद्यालय से इतिहास सब्जेक्ट में ग्रेजुएशन किया है. ज्योति साल 2015 में आंध्र प्रदेश इंटर डिस्ट्रिक्ट मीट में गोल्ड मेडल जीतने के बाद पहली बार सुर्खियों में आई थीं. ज्योति ने ओलंपियन एन रमेश से ट्रेनिंग ली है. इसके लिए वो उस समय ही हैदराबाद के साई सेंटर चली गई थीं. साई सेंटर में 2 साल रहने के बाद ज्योति को गुंटूर में सेंटर ऑफ एक्लेंस में शामिल होने का मौका मिला. इसके बाद साल 2019 में ज्योति में रिलायंस ओडिशा एथलेटिक्स हाई-परफॉर्मेंस सेंटर चली गईं. यहां ज्योति को ब्रिटिश कोच जेम्स हिलियर ने ट्रेनिंग दी.

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