Asian Games 2023: 25 मीटर रैपिड में विमेंस टीम ने दिलाया गोल्ड, शूटर Manu Bhaker, Rhythm Sangwan और Esha Singh को जानिए

25 मीटर पिस्टल इवेंट में भारत की महिला टीम ने गोल्ड मेडल हासिल किया है. Manu Bhaker, Rhythm Sangwan और Esha Singh की तिकड़ी ने एशियन गेम्स में सोना जीता है. मनु भाकर ने 14 साल की उम्र में शूटिंग की ट्रेनिंग शुरू की थी, जबकि ईशा सिंह की पहली पसंद शूटिंग नहीं थी. रिदम हरियाणा के पुलिस अधिकारी की बेटी हैं.

एशियन गेम्स में 25 मीटर पिस्टल इवेंट में भारत की महिला टीम ने गोल्ड मेडल हासिल किया (Photo/Twitter)
gnttv.com
  • नई दिल्ली,
  • 27 सितंबर 2023,
  • अपडेटेड 11:47 AM IST

चीन के हांगझोउ में चल रहे 19वें एशियन गेम्स में 25 मीटर रैपिड पिस्टल में भारतीय महिला शूटर्स ने गोल्ड मेडल हासिल किया. इस स्पर्धा में मनु भाकर, ईशा सिंह और रिदम सांगवान की तिकड़ी ने सोने पर निशाना लगाया. इस तिकड़ी ने 1759 प्वाइंट्स हासिल किए. जबकि चीन की टीम 1756 अंकों के साथ दूसरे नंबर पर रही. देश को सोना दिलाने वाली इन महिला खिलाड़ियों को बारे में बताते हैं.

मनु भाकर ने 14 साल में शूटिंग को चुना-
शूटर मनु भाकर स्टार खिलाड़ी हैं. मनु का जन्म 18 फरवरी 2002 को हरियाणा के झज्जर में हुआ. स्कूल के दिनों में मनु टेनिस, स्टेकिंग और बॉक्सिंग करती थीं. लेकिन जब वो 14 साल की हुईं तो उन्होंने शूटिंग में करियर बनाने का फैसला किया. इसके साथ ही मनु का शूटिंग में सफर शुरू हुआ. मनु भाकर 16 साल की उम्र में आईएसएसएफ विश्व कप में गोल्ड मेडल जीतने वाली सबसे कम उम्र की भारतीय खिलाड़ी बनी थीं. मनु को चित्रकारी का भी शौक है. जब भी मौका मिलता, वो घरों की दीवारों को रंगों से सजा देती हैं.
साल 2018 में मनु ने यूथ ओलंपिक गेम्स में 10 मीटर एयर पिस्टल में गोल्ड मेडल जीता था. वो ऐसा करने वाली पहली भारतीय महिला बनीं. साल 2019 में मनु ने चीन में विश्व कप फाइनल में गोल्ड मेडल जीता.

शूटिंग नहीं थी ईशा सिंह की पहली पसंद-
18 साल की ईशा सिंह हैदराबाद की रहने वाली हैं. ईशा साल 2018 में 10 मीटर एयर पिस्टल में नेशनल चैंपियन बनी थीं. उन्होंने साल 2019 में जर्मनी में खेले गए जूनियर वर्ल्ड कप में सिल्वर मेडल जीता था. शूटिंग में करियर बनाने से पहले ईशा बैडमिंटन, टेनिस और स्केटिंग करती थीं. एक बार ईशा हैदराबाद में शूटिंग रेंज देखने गई थीं, वहां से ही शूटिंग में आने की प्रेरणा मिली. साल 2014 में ईशा का प्रोफेशनल शूटिंग करियर शुरू हुआ था. ईशा के पिता सचिन भी एक खिलाड़ी रहे हैं. जबकि मां श्रीलता आंध्र प्रदेश की एक उद्ममी हैं. ईशा प्रकृति प्रेमी हैं. उनको हरियाली और चिड़ियां पसंद हैं. उनको किताब पढ़ने का भी शौक है. 

डीएसपी की बेटी हैं रिदम सांगवान-
हरियाणा के नारनौल की रहने वाली शूटर रिदम सांगवान के पिता नरेंद्र सांगवान पुलिस अधिकारी हैं. बचपन से ही रिदम को शूटिंग का शौक है, वो पिता की रिवॉल्वर देखकर उसे चलाने की जिद करती थीं. 4 साल की उम्र से ही रिदम शूटिंग रेंज में जाना शुरू कर दिया था. रिदम सांगवान ने वर्ल्ड चैंपियनशिप में 11 गोल्ड मेडल जीत चुकी हैं.

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