भारत की अवनि लेखरा (Avani Lekhara) ने पैराशूटिंग वर्ल्ड कप में शानदार प्रदर्शन किया है. अवनी ने दस मीटर एयर राइफल वर्ग में देश के लिए गोल्ड जीता है. इस जीत के साथ ही अवनि ने 2024 के पेरिस पैरालंपिक्स में अपनी जगह पक्की कर ली है. चार दिन पहले तक अवनि अपनी मां श्वेता जेवरिया और कोच राकेश मनपत के वीजा अप्रूवल के लिए सरकार से मदद मांग रही थीं. ठीक चार दिन बाद अवनि ने गोल्ड जीत कर देश का मान बढ़ा दिया है.
पीएम मोदी ने अवनि लेखरा को दी बधाई
प्रधानमंत्री मोदी ने अवनि को बधाई देते हुए सोशल मीडिया पर लिखा, 'इस ऐतिहासिक जीत के लिए आपको बधाई. आप सफलता की नई ऊंचाइयां छूती रहें और दूसरों को प्रेरणा देती रहें. आपको मेरी शुभकामनाएं.'
कौन हैं अवनि
अवनि का जन्म 8 नवंबर 2001 को जयपुर, राजस्थान में हुआ था. उनके पिता रेवेन्यू विभाग में आरएएस ऑफिसर हैं. अवनी जब 11 साल की थीं तब एक कार हादसे में उनकी रीढ़ की हड्डी टूट गई. उनके कमर के नीचे का हिस्सा सुन्न पड़ गया. इसके बाद अवनि हमेशा के लिए व्हीलचेयर पर आ गईं, हालांकि अवनि ने इस कमजोरी को कभी खेल के आड़े नहीं आने दिया.
पिता की वजह से खेल में आईं अवनि
अवनि के पिता उन्हें खेल में भेजना चाहते थे. एक इंटरव्यू में अवनि ने बताया था, 2015 में उनके पिता शूटिंग और तीरअंदाजी में लेकर गए. अवनि ने दोनों में कोशिश की लेकिन पहली बार राइफल पकड़ने के बाद उन्होंने ठान लिया कि वह शूटिंग में अपना करियर बनाएंगी. अवनि अभिनव बिंद्रा से बेहद प्रभावित रही हैं. अवनि ने जयपुर के जगतपुरा स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स से शूटिंग की ट्रेनिंग शुरू की.
पैरालंपिक में गोल्ड जीतने वाली पहली भारतीय महिला खिलाड़ी
कुछ ही महीनों की ट्रेनिंग के बाद अवनि ने राजस्थान स्टेट चैंपियनशिप में गोल्ड जीता. इसके कुछ महीने बाद नेशनल चैंपियनशिप में अवनि ने बॉन्ज मेडल जीता. 2016-20 के बीच अवनि ने नेशनल शूटिंग चैंपियनशिप में पांच बार गोल्ड जीता. टोक्यो पैरालंपिक्स में अवनी लेखरा ने महिलाओं की 10 मीटर एयर राइफल स्टैंडिंग एस1 स्पर्धा में गोल्ड मेडल जीतकर इतिहास रच दिया था. अवनि लेखरा वर्तमान में महिलाओं की 10 मीटर एयर राइफल एसएच-1 में वर्ल्ड की नंबर दो खिलाड़ी हैं.