बांग्लादेश के दिग्गज क्रिकेटर शाकिब अल हसन (Shakib Al Hasan) पाकिस्तान में होने के बावजूद अपने देश में चल रही उथल-पुथल में खींच लिए गए हैं. शाकिब उन 156 लोगों में शामिल हैं जिन पर इस महीने की शुरुआत में प्रोटेस्ट के दौरान एक कपड़ा कर्मचारी की हत्या का आरोप है लगा है.
स्पोर्टस्टार की ओर से प्रकाशित एक खबर के अनुसार, मृतक रुबेल के पिता रफीकुल इस्लाम ने अदाबार पुलिस स्टेशन में शाकिब सहित अवामी लीग के कई नेताओं और कार्यकर्ताओं के खिलाफ हत्या का मामला दर्ज करवाया है. अदाबार पुलिस स्टेशन के इंस्पेक्टर (इनवेस्टिगेशन) नजरूल इस्लाम ने मामले की पुष्टि की.
बांग्लादेश से बाहर हैं शाकिब
शाकिब इस समय बांग्लादेश में नहीं हैं. वह दो मैचों की टेस्ट सीरीज खेलने पाकिस्तान गए हैं जो तीन सितंबर को खत्म होगी. हत्या के मामले में शाकिब आरोपी नंबर 28 हैं. मामले में बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना, पूर्व सड़क परिवहन और पुल मंत्री ओबैदुल कादिर और अभिनेता फिरदौस अहमद को भी आरोपी बनाया गया है.
द डेली स्टार की एक रिपोर्ट के अनुसार, "मामले के बयान में शिकायतकर्ता ने आरोप लगाया है कि जब पांच अगस्त को रुबेल सहित सैकड़ों छात्र अदाबार इलाके में रिंग रोड पर विरोध प्रदर्शन कर रहे थे तब कुछ आरोपियों ने प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष तौर पर कुछ लोगों के निर्देश के अनुसार गोलियां चलाईं."
एफआईआर में कहा गया है कि रुबेल गोलीबारी में घायल हो गए और दो दिन बाद अस्पताल में उनकी मौत हो गई. हालांकि विरोध प्रदर्शन के दौरान शाकिब किसी भी समय बांग्लादेश में नहीं थे. प्रदर्शन के दौरान शाकिब कनाडा में थे और ग्लोबल टी20 कनाडा लीग (Global T20 Canada League) में बांग्ला टाइगर्स मिसिसॉगा की कप्तानी कर रहे थे. इससे पहले वह कनाडा जाने से पहले जुलाई के बीच तक मेजर लीग क्रिकेट में हिस्सा लेने के लिए अमेरिका में थे. ग्लोबल टी20 लीग नौ अगस्त को खत्म हुई थी.
पिछले साल ही रखा था राजनीति में कदम
शाकिब आधिकारिक तौर पर 2023 में बांग्लादेश की सत्ता पर काबिज अवामी लीग पार्टी में शामिल हुए थे. वह अवामी लीग के टिकट पर मगुरा-1 संसदीय सीट से 2024 का बांग्लादेशी आम चुनाव लड़े. इसमें उन्हें जीत भी मिली. लेकिन 2024 में हसीना सरकार के खिलाफ हुए विरोध प्रदर्शन और असहयोग आंदोलन के बाद अगस्त 2024 में शाकिब का कार्यकाल खत्म हो गया.
इन घटनाओं के दौरान चुप रहने के लिए प्रदर्शनकारियों और बांग्लादेश क्रिकेट बोर्ड के पूर्व सदस्य मोहम्मद रफीकुल इस्लाम खान ने भी उनकी आलोचना की. उन्हें और अपदस्थ प्रधानमंत्री शेख हसीना की अवामी लीग सरकार के प्रति वफादार माने जाने वाले अन्य खिलाड़ियों को राष्ट्रीय टीम से बाहर करने की मांग उठी. लेकिन यूनुस की अंतरिम सरकार ने फिलहाल उन्हें खेलने देने का फैसला लिया है.