बीसीसीआई ने रविवार को यो-यो टेस्ट को सभी प्रारूपों के चयन मापदंडों में से एक के रूप में फिर से पेश किया. साथ ही, एक नए एलीमेंट, DEXA स्कैन को भी चेकलिस्ट में जोड़ा गया है. इस टेस्ट को हर एक क्रिकेटर को ड्रेसिंग रूम में जाने से पहले पास करने की जरूरत होती है.
टीम इंडिया में चयन के लिए यो-यो टेस्ट कोई नई अवधारणा नहीं है. कुछ साल पहले, टीम के सभी सदस्यों को टीम में शामिल होने के लिए टेस्ट पास करना पड़ा था. जिन लोगों के उच्चतम स्कोर थे, उन्हें सुपर फिट माना गया, जबकि खराब अंक हासिल करने वालों को इंतजार करना पड़ा और अपने फिटनेस स्तर पर काम करना पड़ा. हालांकि, इस बार यो-यो टेस्ट के साथ BCCI ने DEXA स्कैन को भी लिस्ट में रखा है.
क्या है डेक्सा स्कैन
DEXA का मतलब डुअल-एनर्जी एक्स-रे एब्जॉर्पियोमेट्री है. यह एक ऐसा स्कैन है जिसमें हड्डी की ताकत को मापने के लिए एक्स-रे तकनीक का उपयोग करता है. साथ ही, यह टेस्ट पहले से ही हड्डी में किसी भी तरह के फ्रैक्चर की संभावना के बारे में बताता है.
इसे बोन डेनस्टी टेस्ट भी कहा जाता है. यह एक विशेष प्रकार का एक्स-रे है जो दो प्रकार के बीम उत्पन्न करता है - हाई एनर्जी और लो एनर्जी. इन दोनों बीमों को हड्डी के माध्यम से पारित किया जाता है और उत्सर्जित एक्स-रे की संख्या को मापकर डेनस्टी का पता लगाया जाता है. डेक्सा स्कैन में हड्डियों की मोटाई भी महत्वपूर्ण कारकों में से एक है.
सभी खिलाड़ियों का होगा टेस्ट
बीसीसीआई ने रविवार को मुंबई में टीम इंडिया (सीनियर मेन) की समीक्षा बैठक बुलाई. बैठक में बीसीसीआई प्रमुख रोजर बिन्नी, सचिव जय शाह, भारत के कप्तान रोहित शर्मा, मुख्य कोच राहुल द्रविड़, एनसीए प्रमुख वीवीएस लक्ष्मण और मुख्य चयनकर्ता चेतन शर्मा ने भाग लिया.
बैठक के दौरान आईसीसी क्रिकेट विश्व कप 2023 के रोडमैप के साथ-साथ खिलाड़ी की उपलब्धता, कार्यभार प्रबंधन और फिटनेस मापदंडों के मुद्दों पर भी विस्तार से चर्चा की गई. उभरते खिलाड़ियों को राष्ट्रीय टीम में चयन के योग्य होने के लिए पर्याप्त घरेलू सत्र खेलना होगा.