चेन्नई में रहने वाली एस संध्या और उनकी मां के पास जब कोई सहारा नहीं था तो 7 साल पहले संध्या ने सब्जी बेचकर अपना गुजारा करना शुरू किया. और आज वही संध्या बहुत जल्द दोहा, कतर में स्ट्रीट चाइल्ड फुटबॉल विश्व कप (एससीडब्ल्यूसी) 2022 में भारत का प्रतिनिधित्व करने वाली है. यह सुनने में शायद अजीब लगे कि कैसे वह इस मुकाम तक पहुंच गईं.
हालांकि, संध्या अकेली नहीं हैं जिन्हें यह मौका मिल रहा है. वह चेन्नई की उन नौ लड़कियों में शामिल हैं जो 6 से 16 अक्टूबर के आयोजन के लिए दोहा में भारत का प्रतिनिधित्व कर रही हैं. संध्या इस 12 सदस्यीय भारतीय दल की कप्तान हैं और वह 24 अन्य देशों के बच्चों के खिलाफ अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन करेंगी.
करुणालय आश्रय की है यह पहल
संध्या की तरह उनकी टीममेट, 17 वर्षीय प्रिया, जिसने अपने माता-पिता को कभी नहीं देखा है, भी खेल रही हैं. वह रोयापुरम में गर्ल्स हायर सेकेंडरी स्कूल की कक्षा 12 की छात्रा हैं. द न्यू इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक, इन सभी बच्चों को इस मुकाम तक पहुंचने का श्रेय जाता है करुणालय आश्रम को जाता है.
ग्रेटर चेन्नई कॉरपोरेशन, अजीम प्रेमजी फाउंडेशन और अमोस ट्रस्ट यूके के सहयोग से करुणालय के इन बच्चों को न केवल खेलने बल्कि एससीडब्ल्यूसी जैसे ग्लोबल इवेंट में भाग लेने का अवसर दिया गया है. करुणालय के डॉ. एन. पॉल सुंदर सिंह का कहना है कि ये बच्चे पिछले छह महीनों से विशेष कोचों के साथ कड़ी मेहनत कर रहे हैं.
फीफा से एक महीने पहले होगा इवेंट
फीफा विश्व कप से एक महीने पहले आयोजित, SCWC में ब्राजील, बांग्लादेश, बोलीविया, कोलंबिया, भारत, इंडोनेशिया, मैक्सिको, फिलिस्तीन, पेरू, फिलीपींस, अमेरिका, जिम्बाब्वे, बोस्निया और हर्जेगोविना, बुरुंडी, मिस्र, इंग्लैंड, हंगरी, मॉरीशस, नेपाल, पाकिस्तान, कतर, सूडान, सीरियाई फोरम, तंजानिया और युगांडा के स्ट्रीट चिल्ड्रेन भाग लेंगे.
यह आयोजन हर चार साल में ग्लोबल लेवल पर होता है. इसे यूके स्थित स्ट्रीट चाइल्ड यूनाइटेड (एससीयू) द्वारा आयोजित किया जाता है.