बर्मिंघम कॉमनवेल्थ गेम्स 2022 में भारत के हाथ पहला गोल्ड लग चुका है. इसे दिलाने वाली और कोई नहीं बल्कि स्टार वेटलिफ्टर साइखोम मीराबाई चानू हैं. गोल्डन गर्ल चानू ने 49 किलोग्राम भार वर्ग में वजन उठाकर कॉमनवेल्थ गेम्स में ये मेडल जीता है. बता दें, चानू ने स्नैच राउंड के बाद 12 किलो की भारी-भरकम बढ़त बना ली थी.
कैसा रहा मैच?
आपको बताते चलें, इसबार वेटलिफ्टर साइखोम मीराबाई चानू इसबार विश्वास से भरी हुई थीं कि वे देश को मेडल जरूर जिताएंगी. और हुआ भी कुछ ऐसा ही चानू ने कुल 201 किलो वजन उठाया. जिसमें स्नैच में उन्होंने 88 किलो वजन उठाया. जबकि क्लीन और जर्क में 113 किलो वजन. बता दें, फर्स्ट ट्राई में उन्होंने 84 किलो वजन उठाया था. और फिर दूसरे ट्राई में उन्होंने 88 किलो वेट उठा कर पर्सनल बेस्ट की बराबरी की. शुरू से ही मीराबाई चानू की नजरें गोल्ड पर थीं क्योंकि टोक्यो ओलंपिक में उनके हाथ सिल्वर लगा था.
कौन हैं साइखोम मीराबाई चानू?
साइखोम मीराबाई चानू एक स्टार इंडियन वेइटलिफ्टर हैं. उनका जन्म 8 अगस्त 1994 को नोंगपोक काकचिंग, इंफाल ईस्ट, मणिपुर में हुआ था. 6 भाई बहनों में मीराबाई चानू सबसे छोटी हैं. उनके पिता साइखोम कृति मीतेई लोक निर्माण विभाग में एक कर्मचारी थे और उनकी मां साइखोम ओंगबी तोम्बी लीमा एक दुकानदार हैं. करियर की शुरुआत में चानू ने मणिपुर की स्पोर्ट्स अकादमी से ही अपनी ट्रेनिंग शुरू की थी. इसके बाद उन्होनें पीछ मुड़कर नहीं देखा.
गोल्डन गर्ल की उपलब्धियों की लाइन है बहुत लंबी
साइखोम मीराबाई चानू राष्ट्रमंडल खेलों और विश्व चैंपियनशिप में कई मेडल जीत चुकी हैं. 2020 के समर ओलंपिक से पहले कैलिफोर्निया के अनाहेम में 2017 वर्ल्ड वेटलिफ्टिंग चैंपियनशिप में गोल्ड मेडल जीतना उनकी सबसे बड़ी उपलब्धियों में से एक है.
इसके बाद 2020 के टोक्यो ओलंपिक में, उन्होंने महिलाओं के 49 किग्रा वर्ग में सिल्वर मेडल अपने नाम किया था. और खेलों में उनके शानदार प्रदर्शन को ही देखते हुए मीराबाई चानू को भारत सरकार से पद्मश्री भी मिल चुका है. इसके अलावा 2018 में मेजर ध्यानचंद खेल रत्न सम्मान से भी उन्हें नवाजा जा चुका है.
मीराबाई चानू की उपलब्धियों की लाइन और भी लंबी है. ग्लासगो में 2014 राष्ट्रमंडल खेलों में, साइखोम मीराबाई चानू ने महिलाओं के 48 किलोग्राम भार वर्ग में सिल्वर मेडल जीता था. वहीं, गोल्ड कोस्ट पर 2018 राष्ट्रमंडल खेलों में, उन्हें गोल्ड मेडल जीतकर खेल में कई रिकॉर्ड तोड़ दिए थे.
15 जनवरी 2022 से, उन्हें मणिपुर में अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक (खेल) के रूप में भी नियुक्त किया गया है.