हर कॉमनवेल्थ गेम (Commonwealth Games) का अपना अलग और स्पेशल मेडल होता है. इसको बनाने का मकसद ही होता है कि ऐसा डिजाइन जोकि दोबारा कभी न बनें. वहीं बर्मिंघम 2022 ने अपने मेडल्स को एक्सट्रा स्पेशल बनाने के लिए सभी काम पूरे कर लिए हैं.
इस बार जिस टीम ने इन गोल्ड मेडल को डिजाइन किया है उस टीम में सभी महिलाएं शामिल हैं. मेडल जिस बॉक्स में दिया जाता है से लेकर इसके रिबन तक सबकुछ यूनिक है. यहां हम आपको उस मेडल की हर एक खासियत बताएंगे जिसे हर कोई जीतना चाहता है.
किसने डिजाइन किया मेडल?
पदकों को बर्मिंघम के स्कूल ऑफ ज्वैलरी के तीन छात्रों- एम्बर एलिस, फ्रांसेस्का विलकॉक्स और कैटरिना रोड्रिग्स काइरो ने साथ मिलकर डिजाइन किया गया है. इन तीन छात्रों ने दर्जनों अन्य लोगों के साथ व्यक्तिगत रूप से स्कूल और बर्मिंघम 2022 टीम द्वारा आयोजित एक प्रतियोगिता में हिस्सा लिया था. जैसे-जैसे निर्णय प्रक्रिया आगे बढ़ी इन लोगों को एक टीम बना दिया गया. इन्होंने पदक के साथ आने वाले बॉक्स और रिबन को भी डिजाइन किया.
डिजाइन का क्या मतलब है?
डिजाइनरों ने उस जर्नी से प्रेरणा ली जो एथलीट खेलों में प्रतिस्पर्धा के अपने लक्ष्य तक पहुंचने के लिए लेते हैं. इस वजह से इसमें उभरा हुआ क्षेत्र, मेजबान क्षेत्र की सड़क और नहर नेटवर्क के हवाई मानचित्र का प्रतीक, डिजाइन की एक प्रमुख विशेषता के रूप में शामिल किया गया है.
मेडल, रिबन और बॉक्स में क्या विशेषताएं हैं?
मेडल इसलिए बनाया गया है ताकि यह टेक्सचर्ड हो और इसमें एक स्पर्शनीय गुण हो. इसकी खासियत ये है कि सभी एथलीट और विशेष रूप से दृष्टिबाधित लोग इस डिजाइन को महसूस कर सकते हैं. मेडल से जुड़ी रिबन भी एडजेस्टेबल है, ताकि पहने जाने पर यह आराम से बैठे, चाहे एथलीट या पैरा एथलीट की ऊंचाई कितनी भी हो. मेडल विजेताओं को एक बॉक्स भी दिया जाएगा जिसमें पदक रखने के लिए और इसमें हवाई नक्शा डिजाइन भी शामिल है जो पदक के डिजाइन के लिए एक स्पष्ट संबंध प्रदान करता है.
किसने बनाया मेडल?
टॉय (Toye),केनिंग (Kenning)और स्पेंसर (Spencer),जो बर्मिंघम के ज्वेलरी क्वार्टर में 200 से अधिक वर्षों से है को मेडल फैब्रिकेटर के रूप में चुना गया. ये परिवार मिलकर ये बिजनेस चलाता है. ज्वेलरी क्वार्टर बर्मिंघम 2022 मैराथन रूट पर शामिल है और एरिना बर्मिंघम से कुछ ही दूर है. यह खेलों के लिए प्रमुख स्थानों में से एक है. कंपनी ने गोल्ड, ग्रीन और नीले रंग के मेडल रिबन भी बनाए, जोकि उनके बेडवर्थ कारखाने के एक सेलिब्रेटरी कन्फेटी पैटर्न को भी दिखाता है.
कितने पदक हैं?
कुल 1875 पदकों का उत्पादन किया गया है. 283 खेलों की इस पदक स्पर्धाओं में पहला, दूसरा और तीसरा स्थान हासिल करने के एथलीटों जो खेलों का हिस्सा हैं को ये दिए जाएंगे. पहली बार पुरुषों की तुलना में महिलाओं के लिए अधिक पदक स्पर्धाएं रखी गई हैं. 1912 के स्टॉकहोम ओलंपिक खेलों में अंतिम ठोस स्वर्ण पदकों का उपयोग किया गया था, लेकिन इस तरह के पदकों का उपयोग कॉम में कभी नहीं किया गया था.
मेडल किस चीज से बने होते हैं?
आपको बता दें कि गोल्ड मेडल ठोस सोने से नहीं बने होते हैं. इसमें सोने की परत के साथ एक स्टर्लिंग सिल्वर कोर होते हैं. लेकिन सिल्वर और ब्रॉन्ज मेडल दोनों संबंधित ठोस धातुओं से बने होते हैं. राष्ट्रमंडल खेलों जैसे प्रमुख मल्टी-इवेंट खेल आयोजनों में स्वर्ण पदक हमेशा मानक पुरस्कार नहीं थे. 1896 के ओलंपिक में, खेलों के विजेता ने एक रजत पदक जीता जो उस समय सोने से अधिक मूल्यवान था. 1908 के लंदन ओलंपिक में पहली बार बहुमूल्य धातु पदकों की इस तिकड़ी को शामिल किया गया था.