भारत के विकास ठाकुर ने मंगलवार को बर्मिंघम में आयोजित कॉमनवेल्थ गेम्स 2022 में पुरुषों के 96 किग्रा वर्ग वेटलिफ्टिंग में रजत पदक जीता. विकास ने 346 किग्रा (स्नैच में 155 किग्रा और क्लीन एंड जर्क में 199 किग्रा) का संयुक्त वजन उठाकर दूसरा स्थान हासिल किया. यह विकास ठाकुर का तीसरा राष्ट्रमंडल खेलों का पदक है क्योंकि उन्होंने ग्लासगो 2014 में रजत और गोल्ड कोस्ट 2018 में कांस्य पदक जीता था.
हिमाचल प्रदेश से हैं विकास
विकास मूल रूप से हिमाचल प्रदेश के रहने वाले हैं. हालांकि, उनके माता-पिता पंजाब के लुधियाना में रहते हैं. अन्य सभी परिवार हिमाचल प्रदेश के हमीरपुर जिले के पटनौण के एक गांव में रहता है. हर कोई आज अपने बेटे की कामयाबी पर खुश है. पिछले 13 सालों से विकास लगातार वेटलिफ्टिंग में अच्छा प्रदर्शन कर रहे हैं.
विकास ने अपनी शुरुआती ट्रेनिंग पटियाला से की थी. और उन्होंने कॉमनवेल्थ गेम्स के अलावा, अन्य प्रतियागिताओं में भी अच्छा प्रदर्शन किया है. इसी के आधार पर उन्हें भारतीय वायुसेना में अच्छी नौकरी मिली है. विकास ठाकुर भारतीय वायुसेना में वारंट अफसर के पद पर सेवारत हैं.
7 बार रहे हैं नेशनल चैंपियन
आपको बता दें कि विकास सात बार के राष्ट्रीय चैंपियन (2013, 2014, 2015, 2016, 2018, 2019, 2020) रह चुके हैं. कॉमनवेल्थ चैंपियनशिप में भी उन्होंने अच्छी प्रदर्शन किया है. उनके नाम पांच पदक हैं. साल 2017 और 2021 ने उन्होंने कांस्य पदक हासिल किया. साल 2013 और 2019 में, उन्होंने रजत पदक जीता. उनका एकमात्र स्वर्ण पदक 2015 में आया था, जो पुणे में आयोजित किया गया था.
विकास का कहना है कि पिछले दो-तीन सालों में उनके खेल में बहुत सुधार हुआ है. क्योंकि अब उनका उत्साह बहुत ज्यादा बढ़ा है. इसकी वजह है लोगों से मिल रहा प्यार और सम्मान. अब बहुत से लोग खेलों को लेकर सजग हैं और वेटलिफ्टिंग, जैवलिन, डिस्क थ्रो जैसे खेलों को भी पहचान मिल रही है. ऐसे में, आगे वाले समय में विकास देश के लिए और सम्मान हासिल करने की चाह रखते हैं.