नए खिलाड़ियों के लिए आईपीएल हमेशा से अपने हुनर को दिखाने को सबसे बेहतरीन मौका होता है. हर साल IPL में एक न एक खिलाड़ी स्टार बन ही जाता है. 2021 में इस लिस्ट में हर्षल पटेल (Harshal Patel) का भी नाम जुड़ गया था. इस खिलाड़ी ने सबसे ज्यादा विकेट (32) लेकर पर्पल कैप अपने नाम की थी.
इस साल भी हर्षल का जलवा बेकरार है. आपको बता दें कि आईपीएल 2022 में हर्षल ने अब तक 11 मैचों में 10 विकेट लिए हैं.
हालांकि, हर्षल पटेल का एक नॉर्मल खिलाड़ी से स्टार बनने को सफर इतना आसान नहीं रहा है. हर्षल के स्ट्रगल को अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि उन्होंने एक समय में अमेरिका के एक परफ्यूम स्टोर में भी काम किया है. इस बात का खुलासा खुद हर्षल ने एक इंटरव्यू में किया है.
पाकिस्तानी लड़के के परफ्यूम स्टोर में करते थे काम
हर्षल ने बताया कि वे अमेरिका में हर दिन 35 डॉलर की सैलरी पर काम करते थे. वे तब एक पाकिस्तानी आदमी के परफ्यूम स्टोर पर काम किया करते थे. हर्षल कहते हैं, “मैं न्यू जर्सी के एलिजाबेथ में एक पाकिस्तानी लड़के के परफ्यूम स्टोर में काम करता था. मुझे अंग्रेजी का एक शब्द भी नहीं आता था, क्योंकि मैंने गुजराती मीडियम से पढ़ाई की थी. वह पूरा इलाका Latin और African American का था. फिर मैंने उनकी तरह की ही अंग्रेजी सीखी. गैंगस्टर इंग्लिश. वे हर शुक्रवार को 100 डॉलर की परफ्यूम की बोतलें आकर खरीदते थे. सोमवार को वे वापस आकर कहते थे, 'अरे यार मैंने अभी-अभी एक-दो बार स्प्रे किया है. मेरे पास टेबल पर खाने के लिए खाना नहीं है. ये लगभग हर बार ही होता था. यह मेरे लिए बहुत अच्छा एक्सपीरियंस था. मैंने यहीं सीखा कि ब्लू कॉलर जॉब असली में क्या है.”
हर दिन के मिलते थे 35 डॉलर
आगे कहते हैं, “मेरी चाची और चाचा अपने अपने ऑफिस में जाते थे, और वे मुझे रास्ते में छोड़ देते थे. वे मुझे सुबह 7 बजे छोड़ दिया करते थे, दुकान सुबह 9 बजे खुलती थी इसलिए मुझे दो घंटे एलिजाबेथ रेलवे स्टेशन पर वेट करना पड़ता था. मैं 7.30 से 8 बजे तक काम किया करता था. दिन में 12-13 घंटे काम करने के मुझे 35 डॉलर मिलते थे.”
अमेरिका गए थे क्रिकेटर बनने
हर्षल आगे कहते हैं कि वे क्रिकेटर बनने अमेरिका गए थे. इसके लिए उन्होंने अपने माता-पिता को राजी किया था. वे बताते हैं कि जब उन्होंने गुजरात में जूनियर क्रिकेट खेला तब उन्हें लगा कि वह इस खेल में अच्छा कर सकते हैं और इसलिए उन्होंने माता-पिता के सामने अमेरिका जाने के लिए कहा ताकि वह क्रिकेटर बनने के अपने सपने को पूरा कर सकें.
वे कहते हैं, “मैं जूनियर क्रिकेट खेलता था. मैं अपनी उम्र के हिसाब से थोड़ा तेज था. दुर्भाग्य से वह पेस उसी लेवल पर रुक गया. जब मेरे माता-पिता चले गए तो उन्होंने मुझसे एक बात कही 'ऐसा कुछ मत करना जो हमें किसी परेशानी में डाल दे'. मैंने इस बात को दिल से लगा लिया. मैं सुबह 7 बजे से करीब 10 बजे तक प्रैक्टिस करने मोटेरा जाता था. वहां सैंडविच की दुकान थी, मैं वेजिटेबल सैंडविच खाकर लौट जाता था. टोस्ट नहीं खाता था क्योंकि टोस्टेड (ब्रेड) महंगी होती थी. वेजिटेबल सैंडविच के 7 रुपये हुआ करते थे, वहीं टोस्टेड के 15 रुपये.”