CSK-MI: लगातार हार पर हार, मगर दोनों धुरंधर टीमें करती हैं पलटवार!

आईपीएल इतिहास में ऐसा दूसरी बार हुआ है, जब चेन्नई सुपरकिंग्स की टीम को लगातार 4 मुकाबलों में हार का सामना करना पड़ा है. इससे पहले साल 2010 में चेन्नई को इतने मुकाबलों में लगातार हार मिली थी, लेकिन तब टीम ने दमदार वापसी करते हुए आईपीएल की ट्रॉफी अपने नाम की थी.

Mumbai Indians and Chennai Super Kings
उत्कर्ष अवस्थी
  • नई दिल्ली,
  • 12 अप्रैल 2022,
  • अपडेटेड 1:53 PM IST
  • IPL 15 CSK-MI का खस्ताहाल
  • दोनों टीमों का इतिहास कहता है अलग कहानी

आईपीएल इतिहास में रिकॉर्ड पांच बार की चैंपियन मुंबई इंडियंस (Mumbai Indians) और 4 बार की विजेता चेन्नई सुपरकिंग्स (Chennai Super Kings) की 15वें सीज़न में शुरुआत उम्मीद के मुताबिक नहीं रही. आईपीएल की दो सबसे कामयाब टीमें मौजुदा टूर्नामेंट में एक अदद जीत के लिए तरस रही हैं. दोनों टीमों ने इस सीज़न में अब तक अपने चार शुरुआती मुकाबले गंवा दिए हैं. 10 टीमों की स्कोरबोर्ड  में मुंबई और चेन्नई का अभी तक खाता नहीं खुला है. सीएसके दसवें जबकि मुंबई नौंवे नंबर पर है.

लीग स्तर पर सभी टीमों को 14-14 मैच खेलने हैं. ऐसे में मुंबई इंडियंस (Mumbai Indians) और चेन्नई सुपरकिंग्स (Chennai Super Kings) के पास अभी भी बराबरी के  10-10 मैच खेलने बाकी हैं. दोनों चैंपियन टीमें टूर्नामेंट में अभी भी मजबूत वापसी कर सकती हैं. यहां से अब एक गलती टीम को भारी पड़ सकती है. 

मुंबई इंडियंस वापसी करने में चैंपियन

चेन्नई सुपरकिंग्स (Chennai Super Kings) के फैंस बेशक काफी निराश हैं मगर मुंबई इंडियंस (Mumbai Indians) के फैंस अब भी टीम पर भरोसा बनाए हुए हैं. ऐसा इसलिए क्योंकि साल 2014 और 2015 में मुंबई ने अपने शुरुआती तीन मैच गंवाने के बाद प्लेऑफ में एंट्री कर ली है. तब मुंबई प्लेऑफ में पहुंचने वाली आखिरी टीम थी. साल 2014 में मुंबई ने शुरुआत में लगातार 5 मुकाबले गंवाए थे. बावजूद इसके टीम प्लेऑफ का टिकट कटाने में सफल रही थी. वहीं साल 2015 में टीम को शुरुआती मैचों में पंजाब किंग्स, कोलकाता नाइटराइडर्स, राजस्थान रॉयल्स और चेन्नई सुपरकिंग्स से हार मिली. इसके बाद फिर टीम ने मजबूत वापसी की और  स्कोरबोर्ड में दूसरे नंबर पर रही. इसके अलावा मुंबई  उस सीज़न में चैंपियन बनने में कामयाब रही.

चेन्नई को भी बाजी पलटना आता है

चेन्नई सुपरकिंग्स (Chennai Super Kings) टीम इस आईपीएल में अपने खिताब का बचाव करने उतरी है. आईपीएल इतिहास में ऐसा दूसरी बार हुआ है, जब चेन्नई सुपरकिंग्स (Chennai Super Kings) की टीम को लगातार 4 मुकाबलों में हार का सामना करना पड़ा है. इससे पहले साल 2010 में चेन्नई को इतने मुकाबलों में लगातार हार मिली थी, लेकिन तब टीम ने दमदार वापसी करते हुए आईपीएल की ट्रॉफी अपने नाम की थी. उस वक्त टीम की कप्तानी महेंद्र सिंह धोनी (MS Dhoni) के हाथ में थी. लगातार हार के बाद कप्तान रविंद्र जडेजा (Ravindra Jadeja) ने कहा, "हम सुधार करना चाहेंगे. हम कहां कमी कर रहे हैं, इस बारे में बात करेंगे. हम पेशेवर हैं और हमें कड़ी मेहनत करने, साथ रहने और मजबूत वापसी करने की जरूरत है."

खराब प्रदर्शन से ‘ब्रांड IPL’ पर असर

इस सीज़न की नीलामी के बाद दोनों ही टीमों में कई बदलाव हुए और इनके कुछ खिलाड़ी दूसरी टीमों में चले गए और कुछ नए-पुराने खिलाड़ी बदलाव के तौर पर टीम में शामिल हुए लेकिन अभी तक दोनों टीमें जीत के भरोसे पर खरा नहीं उतरी है. दोनों बड़ी टीमों के शुरूआती चरण में निराशाजनक प्रदर्शन से इनके प्रशंसक और क्रिकेट पंडित भी हैरान हैं.इतने बड़े टूर्नामेंट में प्रतियोगिता की दो सबसे सफल टीमों का फ्लॉप प्रदर्शन IPL की ब्रांड वैल्यू पर भी असर डालता है. इस बार की टीवी रेटिंग में 33% की भारी गिरावट देखी गई है जबकि कुल दर्शकों की संख्या भी पिछले सीजन की तुलना में 14% कम हो गई है.

चेन्नई के टॉप आर्डर का फ्लॉप शो

चेन्नई के लिए रुतुराज गायकवाड़ (Ruturaj Gaikwad) ने पिछले साल लगभग हर मैच में रन बनाए और उसके बाद हर तरफ़ से आवाज़ उठी कि उन्हें टीम इंडिया में शामिल किया जाए, वहीं अब उनसे रन नहीं बन रहे.सलामी बल्लेबाज़ रुतुराज गायकवाड़ तीन मैचों में 0-1 -1-16 रन ही बना पाए है. पहले चेन्नई को बड़ी ज़बरदस्त शुरूआत मिलती थी. नम्बर एक से लेकर नम्बर पांच तक सब रन बनाते थे जो अब नहीं हो पा रहा है. चेन्नई की हार की बड़ी वजह खराब गेंदबाजी भी है. इस समय टीम में कोई भी दमदार गेंदबाज नहीं हैं. दीपक चाहर के चोटिल होने के कारण टीम मुश्किल में हैं. वहीं एमएस धोनी (MS Dhoni) के कप्तानी छोड़ने के बाद टीम के कप्तान बने रविंद्र जडेजा (Ravindra Jadeja) पर कप्तानी का दवाब साफ देखा जा सकता है. जडेजा बल्ले से कुछ खास कमाल करते नहीं दिख रहे हैं, तो वहीं गेंदबाजी में भी वो धार नजर नहीं आ रही है.

कमज़ोर गेंदबाज़ी बनी मुंबई की परेशानी

इस सीज़न में मुंबई इंडियंस (Mumbai Indians) की गेंदबाज़ी काफ़ी कमजोर दिखाई दे रही है.आईपीएल के पहले सीजन से ही तेज गेंदबाजी मुंबई की टीम का मजबूत पक्ष रही है. लसिथ मलिंगा से लेकर जसप्रीत बुमराह और ट्रेंट बोल्ट जैसे गेंदबाजों ने अपनी टीम के लिए खूब विकेट चटकाए और कंजूसी से रन भी खर्चे, लेकिन अब ऐसा नहीं है. मलिंगा पहले ही संन्यास ले चुके हैं.बोल्ट अब राजस्थान के लिए खेल रहे हैं और जसप्रीत बुमराह (Jasprit Bumrah) को बाकी गेंदबाजों से समर्थन नहीं मिल रहा है.कृणाल पांडया की कमी खल रही है. इसके अलावा टीम को कृणाल पांडया की कमी भी खल रही है. मुंबई के गेंदबाजों ने इस सीजन हर ओवर में 10 से ज्यादा रन लुटाए हैं, यही मुंबई के खराब प्रदर्शन का सबसे बड़ा कारण है. बल्लेबाज़ी में कप्तान रोहित शर्मा (Rohit Sharma) खुद रन बनाने होंगे.रोहित 4 मैचों में अबतक 80 रन ही बना पाए हैं. मध्यक्रम में पोलार्ड (Kieron Pollard) को गेंद और बल्ले से अनुभवी खिलाड़ी की भूमिका निभानी होगी.पोलार्ड 4 मैचों में 47 रन बनाए हैं वहीं गेंदबाज़ी में उन्हें अबतक 1 भी विकेट नहीं मिला है.

(उत्कर्ष अवस्थी की रिपोर्ट)

 

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