CWG 2022: कुश्ती में नॉर्डिक सिस्टम क्या है और कब होता है लागू, जिसके तहत विनेश फोगाट ने जीता गोल्ड  

नॉर्डिक सिस्टम एक तरह का रेसलिंग फॉर्मेट होता है. जिसमें हर टीम को दूसरी टीम के खिलाफ मैच खेलना पड़ता है. इसमें पहलवानों की रैंकिंग उन्होंने कितने मैच जीते हैं इसके आधार पर की जाती है.

कुश्ती (प्रतीकात्मक तस्वीर)
gnttv.com
  • नई दिल्ली,
  • 07 अगस्त 2022,
  • अपडेटेड 8:29 AM IST
  • नॉर्डिक सिस्टम तब लागू होता है जब भार वर्ग श्रेणी में 6 से कम पहलवान होते हैं
  • विनेश फोगाट ने नॉर्डिक सिस्टम में गोल्ड अपने नाम किया है

कॉमनवेल्थ गेम्स 2022 में भारतीय पहलवानों ने कमाल कर दिया. कुश्ती में भारत ने 6 मेडल अपने नाम किए हैं. इनमें तीन गोल्ड, एक सिल्वर और दो ब्रॉन्ज मेडल हैं. तिरंगा लहराने वालों में दीपक पूनिया, बजरंग पूनिया और साक्षी मलिक का नाम शामिल है. तीनों ने गोल्ड जीतकर एक बार फिर से दिखा दिया है कि कुश्ती में भारत का कोई सानी नहीं है. वहीं विनेश फोगाट ने नॉर्डिक सिस्टम में गोल्ड अपने नाम किया है. 

कुश्ती में क्या होता है नॉर्डिक सिस्टम?

यूनाइटेड वर्ल्ड रेसलिंग के अनुसार, नॉर्डिक सिस्टम तब लागू होता है जब भार वर्ग श्रेणी में 6 से कम पहलवान होते हैं. ऐसे में हर पहलवान का आपस में मुकाबला होता है. जीत के लिए केवल 4 क्लासिफिकेशन पॉइटंस लेने होता हैं. जिसमें बाय फॉल, डिफॉल्ट, फोरफेट और डिसक्वॉलिफिकेशन. 

दरअसल, नॉर्डिक सिस्टम में हर टीम को विपक्षी टीम के खिलाफ एक मैच खेलना पड़ता है. और इसमें जो भी पहलवानों की जीत के हिसाब से रैंकिंग कर दी जाती है. जैसे अगर किसी ने 5 मैच जीते हैं और दूसरे ने 2 तो 5 वाला विजेता घोषित कर दिया जाता है. 

कैसे होते हैं मैच? 

नॉर्डिक टूर्नामेंट में, सबसे ज्यादा विक्ट्री पॉइंट्स वाले पहलवान को पहले स्थान पर रखा जाएगा, चाहे क्लासिफिकेशन पॉइंट कुछ भी हों. अगर दो पहलवानों के क्लासिफिकेशन पॉइंट्स एक जैसे हैं तो डायरेक्ट मैच होता है जिसमें जीत और हार घोषित होती है. 

अपने प्रतिद्वंद्वी के खिलाफ जो भी पहलवान मैच जीत जाता है उसे पहला स्थान दे दिया जाता है. 

अगर दो से ज्यादा पहलवानों के पॉइंट्स समान हों तो?

अगर दो से ज्यादा पहलवानों के विक्ट्री पॉइंट्स एक जैसे होते हैं तो समान संख्या में जीत होती है, तो इसे क्राइटेरिया को तब तक ध्यान में रखा जाता है जब तक आखिर में 2 पहलवान ने रह जाएं. इस क्राइटेरिया में-

-सबसे कम पॉइंट्स 

-फॉल द्वारा सबसे कम विक्ट्री 

-पूरे मैच में सबसे कम टेक्निकल पॉइंट्स 

-पूरी प्रतियोगिता में दिए गए सबसे ज्यादा टेक्निकल पॉइंट्स 

-सबसे ज्यादा ड्रा की संख्या

इन सब बातों को ध्यान में रखने के बाद विजेता का निर्धारण करने के लिए आखिरी दो पहलवानों को आमने-सामने रखा जाता है और फिर तुलना करके हार-जीत घोषित होती है. 


 
 

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