Dhyan chand Death Anniversary: हिटलर के ऑफर से लेकर गोल पोस्ट के आकार तक... हॉकी के जादूगर ध्यानचंद के 5 किस्से

हॉकी के जादूगर ध्यानचंद की 3 दिसंबर को 45वीं पुण्यतिथि है. उन्होंने हॉकी में 400 से ज्यादा गोल किए. वो 3 बार ओलंपिक में मेडल जीतने वाली भारतीय टीम के हिस्सा रहे. ध्यानचंद को लेकर कई किस्से फेमस है. कहा जाता है कि एक बार जब वो गोल नहीं कर पा रहे थे तो उन्होंने रेफरी से गोल पोस्ट के छोटा होने की शिकायत की थी. जब जांच हुई तो सही में गोल पोस्ट छोटा था.

Hockey Player Dhyan Chand (Photo/Wikipedia)
gnttv.com
  • नई दिल्ली,
  • 03 दिसंबर 2024,
  • अपडेटेड 12:20 PM IST

हॉकी के जादूगर ध्यानचंद की आज यानी 3 दिसंबर को 45वीं पुण्यतिथि है. ध्यानचंद जैसा हॉकी खिलाड़ी आज तक दुनिया में पैदा नहीं हुआ. उनका जन्म 29 अगस्त 1905 को इलाहाबाद (प्रयागराज) में हुआ था. उनकी जयंती पर हर साल 29 अगस्त को खेल दिवस मनाया जाता है. जबकि 3 दिसंबर 1979 को उनका निधन हुआ था. हॉकी के जादूगर ने तीन ओलंपिक में भारत का प्रतिनिधित्व किया था. साल 1928, साल 1932 और साल 1936 ओलंपिक में टीम ने गोल्ड मेडल जीता था. चलिए आपको भारत के इस महान हॉकी खिलाड़ी के 5 किस्से बताते हैं.

चांद की रोशनी में प्रैक्टिस से मिला ध्यानचंद नाम-
हॉकी के जादूगर का असली नाम ध्यान सिंह था. 16 साल की उम्र में वो सेना में भर्ती हो गए. इसके बाद उन्होंने हॉकी खेलना शुरू किया. वो लगातार प्रैक्टिस करते थे. वो रात में चांद की रोशनी में प्रैक्टिस किया करते थे. इसलिए उनके साथी खिलाड़ियों ने उनके नाम के आगे चंद लगा दिया और उनका नाम ध्यानचंद पड़ गया.

एक मैच में किए 8 गोल-
साल 1932 ओलंपिक में भारत का मुकाबला संयुक्त राज्य अमेरिका से था. इस मुकाबले में भारत ने ऐतिहासिक जीत दर्ज की थी. भारतीय टीम ने अमेरिका को 24-1 से हराया था. आज भी ये रिकॉर्ड है. आज तक कोई भी टीम इतने बड़े अंतर से जीत हासिल नहीं कर पाई है. इस मैच में ध्यानचंद ने अकेले 8 गोल किए थे. जबकि उनके भाई रूप सिंह ने अकेले 10 गोल दागे थे. 

हिटलर का ऑफर ठुकराया-
हॉकी के जादूगर ध्यानचंद के खेल के मुरीद जर्मनी के तानाशाह हिटलर भी थे. साल 1936 में बर्लिन ओलंपिक के दौरान हिटलर ने ध्यानचंद को जर्मनी सेना में सबसे ऊंचे पद का ऑफर दिया था. लेकिन ध्यानचंद ने इसे ठुकरा दिया था. ध्यानचंद ने कहा था कि उन्होंने भारत का नमक खाया है. देश से गद्दारी नहीं करेंगे. इसके बाद ध्यानचंद की खूब तारीफ हुई.

सर डॉन ब्रैडमैन ने की थी तारीफ-
क्रिकेट के दिग्गज खिलाड़ी सर डॉन ब्रैडमैन हॉकी के जादूगर ध्यानचंद के फैन थे. दोनों की मुलाकात साल 1935 में हुई थी. उस समय भारतीय हॉकी टीम ऑस्ट्रेलिया में थी. उसी दौरान एडिलेड में दोनों की मुलाकात हुई थी. ध्यानचंद का खेल देखने के बाद ब्रैडमैन उनकी स्टिक-वर्क से बहुत प्रभावित हुए. डॉन ब्रैडमैन ने कहा था कि आप तो क्रिकेट के रन की तरह गोल करते हैं.

गोल नहीं हुई तो गोल पोस्ट की शिकायत की-
हॉकी के दिग्गज खिलाड़ी मेजर ध्यानचंद एक मैच में गोल पोस्ट के आकार को लेकर शिकायत की थी. दरअसल एक मैच में हॉकी के जादूगर ने कई प्रयास किए, लेकिन वो गोल नहीं कर पा रहे थे. ऐसा उनके साथ पहले कभी नहीं हुआ था. बार-बार कोशिश के बाद भी वो असफल रहे. इसके बाद उन्होंने रेफरी से गोल पोस्ट के आकार को लेकर शिकायत की. जब गोल पोस्ट को नापा गया तो नियम के मुताबिक गोल पोस्ट छोटा था.

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