Champions Trophy 2025: बचपन से नहीं थी आंखों की रोशनी, क्रिकेट प्रेम ने बनाया खेल पत्रकार, अब चैंपियन्स ट्रॉफी कवर कर रचा इतिहास... जानिए कौन हैं पाकिस्तान के पहले Blind Sports Journalist मोहम्मद अरीब

कराची में रहने वाले मोहम्मद अरीबुद्दीन का जन्म से ही 'बी1' ग्रेड की ब्लाइंडनेस थी. यानी वह पूरी तरह से दृष्टिहीन थे. अरीब ने अपनी स्कूली पढ़ाई पूरी करने के बाद कुछ साल तक ब्लाइंड क्रिकेट खेला. वह इसके बाद एक शायद को ऐसी नौकरी कर सकते थे जो उनकी डिसेबिलिटी के लिए आसान हो, लेकिन अरीब ने अपनी राह खुद बनाने का फैसला किया.

अरीब 2021 से पाकिस्तान क्रिकेट कवर कर रहे हैं.
शादाब खान
  • कराची,
  • 03 मार्च 2025,
  • अपडेटेड 3:59 PM IST

आईसीसी ने चैंपियन्स ट्रॉफी 2025 के आयोजन की घोषणा की तो यह पाकिस्तान के लिए बहुत खास था क्योंकि तीन दशक बाद इस देश में कोई आईसीसी टूर्नामेंट आयोजित हो रहा था. आठ साल बाद लौट रही चैंपियन्स ट्रॉफी का कलेवर भी बदल चुका था. चैंपियन्स ट्रॉफी अपने पारंपरिक 'गोल्डन बॉल' लोगो के साथ नहीं लौट रही थी, बल्कि एक हरे और नीले लोगो ने उसकी जगह ले ली थी.

बदलते रंगों के साथ 30 साल बाद अपनी ज़मीन पर हो रहे आईसीसी टूर्नामेंट को देखने और अनुभव करने के लिए पूरा पाकिस्तान तैयार था, हालांकि एक शख्स ऐसा भी है जिसके लिए ये रंग बेमानी थे. लेकिन वह इस आयोजन से एक खास भूमिका में जुड़ा रहा. 

पाकिस्तान के पहले 'ब्लाइंड' स्पोर्ट्स जर्नलिस्ट 
कराची में रहने वाले मोहम्मद अरीबुद्दीन को जन्म से ही 'बी1' ग्रेड की ब्लाइंडनेस थी. यानी वह पूरी तरह से दृष्टिहीन थे. अरीब ने अपनी स्कूली पढ़ाई पूरी करने के बाद कुछ साल तक ब्लाइंड क्रिकेट खेला. इसके बाद वह शायद ऐसी नौकरी कर सकते थे जो उनके लिए आसान हो सकती थी, लेकिन अरीब ने अपनी राह खुद बनाने का फैसला किया.

अरीब की किस्मत दरअसल उनके जुनून से जुड़ी हुई है. क्रिकेट प्रेमी देश पाकिस्तान में पले-बढ़े हुए अरीब खुद भी क्रिकेट को खूब पसंद करते थे. क्रिकेट की ए-बी-सी उन्हें ज़बानी याद थी. ज़िन्दगी का यही सबक उन्हें खेल पत्रकारिता की ओर ले आया.

अरीब ने 2016 में महज़ 16 साल की उम्र में ही खेल पत्रकारिता में जोड़-तोड़ शुरू कर दी थी. वह घर पर बैठे हुए ही मैच सुनते और उसके एनालिसिस की वीडियो यूट्यूब पर डाला करते. अरीब को उस वक्त इस बात की कोई फिक्र नहीं थी कि उनके वीडियोज़ कौन देख रहा है और कौन नहीं. वह बस उस खेल के बारे में बात करने में मसरूफ थे जो उन्हें पसंद था.

अरीब ने 2022 में पहली बार पीएसएल (Pakistan Super League) कवर की थी. (Photo/Special Arrangement)

अरीब जीएनटीटीवी डॉट कॉम के साथ खास बातचीत में कहते हैं, "सच कहूं तो मैं पढ़ाई में कभी भी ज्यादा अच्छा नहीं था. मुझे क्रिकेट बहुत पसंद था. खेलना भी और उसे समझना भी. मुझे लोग यही कहते थे कि अगर मैं खेल को इतनी अच्छी तरह समझ सकता हूं तो मुझे इस फील्ड में उतरना चाहिए."

वह बताते हैं, "लोगों के मश्वरे पर मैं इस ओर आया. मैंने 2017 में अपना पहला यूट्यूब चैनल बनाया. हालांकि मैं उस वक्त बहुत ज्यादा मालूमात नहीं रखता था. साल 2019 में मेरा वह चैनल कॉपीराइट क्लेम की वजह से बंद हो गया. उस वक्त मेरा दिल दुखा लेकिन लोगों ने मेरी हौसला अफज़ाई की. इसके बाद मैंने दोबारा अपना यूट्यूब चैनल बनाने का फैसला किया." 

कैसे कवर करते हैं क्रिकेट?
स्टेडियम में किसी मैच को कवर करने के दौरान अरीब के सामने सबसे बड़ी चुनौती यह होती है कि वह मैदान पर चल रहे मुकाबले को साफ-साफ देख नहीं पाते. ऐसे में वह अपने फोन पर मैच की लाइव स्ट्रीम चलाते हैं और कमेंट्री लगातार सुनते रहते हैं. इसके बाद वह अपने लैपटॉप पर मैच रिपोर्ट तैयार करते हैं. और इसी के आधार पर प्रेस कांफ्रेंस में सवाल पूछते हैं.

पीसीबी ने भी पहचाना हुनर
सोशल मीडिया पर अपनी एक कच्ची-पक्की पहचान बनाने के बाद अरीब क्रिकेट के और करीब होना चाहते थे. वह पाकिस्तान के घरेलू क्रिकेट टूर्नामेंट्स कवर करना चाहते थे. बात 2021 की है. बढ़ती उम्र के साथ अरीब की आंखों की रोशनी बेहतर हुई थी. वह बी2 कैटेगरी में आ गए थे. लेकिन पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड (PCB) की ओर से मान्यता मिलना मुश्किल था. 

इसकी एक वजह यह थी कि अरीब एक दृष्टिबाधित व्यक्ति थे. दूसरी और बड़ी वजह यह थी कि न तो उनके पास कोई फुल टाइम नौकरी थी और न ही अपनी कोई स्पोर्ट्स वेबसाइट. यह सब जानते हुए भी अरीब ने पीसीबी के पास आवेदन भेजा. फिर जो हुआ उसकी शायद अरीब को उम्मीद भी नहीं थी. 

अरीब बताते हैं, "मैं बिना देखे क्रिकेट कवर करता हूं. पीसीबी ने मेरी इस सलाहियत को पहचाना और सराहा. इसी वजह से उन्होंने मुझे डोमेस्टिक क्रिकेट कवर करने के लिए अक्रेडिटेशन (मान्यता) कार्ड दिया. हालांकि पीसीबी का नियम है कि अगर किसी पत्रकार के पास वेबसाइट नहीं तो उसे मान्यता नहीं दी जाती." 

वह बताते हैं, "मैंने 2021 का काइद-ए-आज़म ट्रॉफी टूर्नामेंट (फर्स्ट क्लास टूर्नामेंट) कवर किया. इसके बाद मैंने पीएसएल (Pakistan Super League) 2022, 2023 और 2024 कवर किया. इसी सिलसिले में मुझे बाइलैट्रल सीरीज भी कवर करने का मौका मिला." 

अरीब ने 2023 में पाकिस्तान और न्यूजीलैंड के बीच हुई द्वीपक्षीय सीरीज भी कवर की. यह उनके खेल पत्रकारिता करियर का अहम मोड़ था. हालांकि उनका सबसे बड़ा असाइनमेंट- आईसीसी चैंपियन्स ट्रॉफी 2025 - उनका इंतज़ार कर रहा था. 

गुरू का रहा अहम योगदान
साल 2021 के डोमेस्टिक क्रिकेट और 2025 चैंपियन्स ट्रॉफी के बीच अरीब ने कई तरीकों से क्रिकेट को अनुभव किया. उन्होंने 'स्पोर्ट्सरूम' नाम की एक वेबसाइट के लिए आर्टिकल लिखे. एक न्यूज चैनल के लिए डेटा एनालिस्ट के तौर पर काम किया. और कुछ न्यूज चैनलों की क्रिकेट चर्चाओं में एक्सपर्ट पैनल में भी शामिल हुए. 

अरीब बताते हैं कि इस दौरान उनके 'गुरू' सोहेल खान का उनके करियर में अहम योगदान रहा. सोहेल खुद 'बी1' कैटेगरी में आते हैं. यानी वह बिल्कुल नहीं देख सकते लेकिन एक डेटा एनालिस्ट के तौर पर काम करते हैं. वह पाकिस्तान के पहले 'ब्लाइंड स्पोर्ट्स स्टैटीशियन' हैं. 
 

सोहेल खान के साथ मोहम्मद अरीब (Photo/Special Arrangement)

सोहेल के बारे में बात करते हुए अरीब कहते हैं, "मुझे थोड़ी सी मदद मिल जाती है क्योंकि मैं थोड़ा-बहुत देख लेता हूं. वह बिल्कुल नहीं देख पाते हैं. वह एक स्टैटीशियन के तौर पर काम करते हैं. डेटा के बारे में मुझे उन्होंने काफी कुछ सिखाया है."

अरीब कहते हैं, "अगर आप स्टैट्स की बात करें, क्रिकेट के रिकॉर्ड्स की बात करें तो उनकी कोई बराबरी नहीं है. उन्होंने मुझे सपोर्ट किया. उन्होंने जब महसूस किया कि मुझे क्रिकेट की थोड़ी बहुत समझ है तो उन्होंने मुझे डेटा के बारे में थोड़ी-बहुत चीजें सिखाईं. इससे मेरा सफर आसान हो गया." 

अब आईसीसी ने भी दी मान्यता
अरीब ने एक टीवी चैनल के साथ कॉन्ट्रैक्ट के तहत चैंपियन्स ट्रॉफी कवर करने का फैसला किया था. लेकिन जब वह कॉन्ट्रैक्ट टूट गया तो उन्होंने अपने यूट्यूब चैनल पर ही इस टूर्नामेंट का कंटेंट पोस्ट करने का फैसला किया. इस तरह वह आईसीसी की ओर से मान्यता प्राप्त करने वाले पाकिस्तान के पहले दृष्टिबाधित खेल पत्रकार बन गए.

आईसीसी की ओर से अक्रेडिटेशन कार्ड मिलना अरीब के लिए बड़ी बात थी. अरीब ने सोशल मीडिया पर इसकी खुशी ज़ाहिर करते हुए लिखा, "मैं गर्व, आभार और खुशी से भर चुका हूं. यह उपलब्धि मेरे परिवार, दोस्तों और चाहने वालों के प्यार, समर्थन और हौसला अफज़ाई के बिना हासिल नहीं हो सकती थी." 

चैंपियन्स ट्रॉफी में पाकिस्तान का सफर जैसा भी रहा हो, लेकिन अपने देश के पहले ब्लाइंड स्पोर्ट्स जर्नलिस्ट के तौर पर एक आईसीसी टूर्नामेंट को इतने करीब से अनुभव करना अरीब के लिए बेहद खास था. अरीब न सिर्फ अपने देश के, बल्कि दुनियाभर के लोगों के लिए मिसाल हैं. उन्होंने साबित किया है कि जब आप किसी चीज़ से प्रेम करते हैं तो कोई दिव्यांगता इतनी बड़ी नहीं कि आपको उस तक पहुंचने से रोक सके.

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