Dilip Vengsarkar Birthday: कभी फैंस को दौड़ाया तो कभी लगे 7 टांके... जानिए कर्नल के नाम से मशहूर दिलीप वेंगसरकर के किस्से

Dilip Vengsarkar Story: दिलीप वेंगसरकर का नाम दुनिया के दिग्गज बल्लेबाजों में शुमार होता है. कर्नल के नाम से मशहूर वेंगसरकर को लॉर्ड ऑफ लॉर्ड्स कहा जाता है. लॉर्ड्स स्टेडियम में उन्होंने 4 टेस्ट मैच खेले. जिसमें उन्होंने 3 शतक लगाया और 500 रन बनाए.

दिलीप वेंगसरकर का नाम दुनिया के दिग्गज बल्लेबाजों में शुमार है (Photo/Twitter)
gnttv.com
  • नई दिल्ली,
  • 06 अप्रैल 2023,
  • अपडेटेड 11:30 AM IST

टीम इंडिया के दिग्गज बल्लेबाज दिलीप वेंगसरकर ने अपने खेल से लाखों फैंस बनाए थे. वेंगसरकर कर्नल के नाम से मशहूर थे. इसके पीछे भी एक किस्सा है. इसी तरह से वेंगसरकर का वो किस्सा भी लोगों का याद है, जब मुंबई के वानखेड़े स्टेडियम में दौड़ाकर फैंस को पकड़ लिया था और थप्पड़ भी मार दिया था. ये फैंस मैच के दौरान उनको परेशान कर रहे थे. चलिए आपको क्रिकेट के कर्नल की कहानी बताते हैं.

... जब वेंगसरकर ने उतावले फैन को मारा थप्पड-
दिलीप वेंगसरकर को लेकर एक किस्सा फेमस है. साल 1994 में वेंगसरकर मुंबई के वानखेड़े स्टेडियम में रणजी ट्रॉफी का मैच खेल रहे थे. इस दौरान कुछ फैंस उनको परेशान कर रहे थे. तभी वेंगसरकर ने स्टैंड्स से उनकी तरफ छलांग लगाया और उनको दौड़ा लिया. फैंस भागने लगे. लेकिन वेंगसरकर ने स्टेडियम के गेट तक जाते-जाते उनको दबोच लिया और थप्पड़ भी मारे.

वेंगसरकर का नाम कैसे पड़ा कर्नल-
साल 1975 में दिलीप वेंगसरकर ईरानी ट्रॉफी में शेष भारत के खिलाफ बॉम्बे की तरफ से खेल रहे थे. इस मैच में उन्होंने शानदार शतक बनाया था. इस पारी के दौरान उन्होंने बिशन सिंह बेदी और इरापल्ली प्रसन्ना जैसे दिग्गजों की गेंदों की खूब पिटाई की थी. उनको कुछ समझ नहीं आ रहा था कि वो क्या करें. इस मैच की कमेंट्री दिग्गज बल्लेबाज लाला अमरनाथ कर रहे थे. लाला अमरनाथ को दिलीप वेंगसरकर में कर्नल सीके नायडू का खेल दिखने लगा. उन्होंने वेंगसरकर की तुलना कर्नल सीके नायडू से की और उसके बाद से उनका उपनाम कर्नल हो गया.

... जब वर्ल्ड कप में वेंगसरकर को लगे थे 7 टांके-
दिलीप वेंगसरकर 20 साल की उम्र में टीम इंडिया में जगह बनाने में कामयाब हो गए थे. उनके खेल को हर कोई पसंद कर रहा था. साल 1983 वर्ल्ड कप में भी वेंगसरकर को टीम में चुना गया था. लेकिन एक मैच में चोट लगने की वजह से उनको अस्पताल के बेड से वर्ल्ड कप देखना पड़ा था. टीम इंडिया ओवल में वेस्टइंडजी के खिलाफ चौथा लीग मैच खेल रही थी. टीम इंडिया को 283 रन का टारगेट मिला था. दिलीप वेंगसरकर तीसरे नंबर पर बल्लेबाजी करने आए. उन्होंने मोहिंदर अमरनाथ के साथ पारी को संभाला. लेकिन जब वो 32 रन के स्कोर पर खेल रहे थे, तभी मैल्कम मार्शल की एक गेट उनके जबड़े पर लगी. वेंगसरकर को मैदान से बाहर ले जाया गया. उनको 7 टांके लगे थे. उसके बाद उस वर्ल्ड कप में मैदान पर उनकी वापसी नहीं हुई. हालांकि टीम इंडिया ने वर्ल्ड कप जीत लिया था.

वेंगसरकर का क्रिकेट सफर-
दिलीप वेंगसरकर दुनिया के बेहतरीन बल्लेबाजों में से एक रहे हैं. 80 के दशक में वेंगसरकर दुनिया के नंबर वन बल्लेबाज बने थे. उनका जन्म 6 अप्रैल 1956 को बॉम्बे स्टेट के राजापुर में हुआ था. कर्नल दाएं हाथ से बल्लेबाजी करते थे. 20 साल की उम्र में उनके इंटरनेशनल क्रिकेट करियर की शुरुआत हुई. 24 जनवरी 1976 को न्यूजीलैंड के खिलाफ कर्नल ने टेस्ट डेब्यू किया था. जबकि एक महीने बाद 21 फरवरी 1976 को न्यूजीलैंड के खिलाफ ही वनडे में भी डेब्यू किया था.
वेंगसरकर ने अपने टेस्ट करियर में 116 टेस्ट मैच खेले. इसमें उन्होंने 185 पारियों में बल्लेबाजी की और 42.13 की औसत से 6868 रन बनाए. कर्नल ने 17 शतक और 35 अर्धशतक बनाया है. जबकि वनडे में उन्होंने 129 मैच खेले और 34.73 की औसत से 3508 रन बनाए. वनडे में वेंगसरकर ने सिर्फ एक शतक लगाया है.

लॉर्ड ऑफ लॉर्ड्स हैं वेंगसरकर-
दिलीप वेंगसरकर ने क्रिकेट का मक्का कहे जाने वाले लॉर्ड्स स्टेडियम में टेस्ट में 3 शतक बनाए हैं. अब तक उनका ये रिकॉर्ड डॉन ब्रैडमैन से लेकर सुनील गावस्कर तक, सचिन से लेकर कोहली तक कोई नहीं तोड़ पाया है. वेंगसरकर जब पहली बार लॉर्ड्स पर खेलने उतरे तो बिना खाता खोले आउट हो गए. लेकिन इसके बाद वेंगसरकर का बल्ला ऐसा बोला कि आज तक रिकॉर्ड बना हुआ है. साल 1979 में टेस्ट की दूसरी पारी में वेंगसरकर ने शतक जड़ दिया. इसके बाद जब भी कर्नल लॉर्ड्स पर उतरते थे तो फैंस को पता रहता था कि आज शतक लगेगा. वेंगसरकर ने लॉर्ड्स पर 4 टेस्ट मैच खेले. जिसमें उन्होंने 500 रन बनाया. इस दौरान उन्होंने 3 शतक भी लगाया.

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