जब भी भारतीय क्रिकेट दिग्गजों की बात होती है तो अनिल कुंबले की बात न हो ऐसा नहीं हो सकता है. आखिर कितने ही गेंदबाद जो टूटे जबड़े के साथ खेले हों? कितनों ने एक टेस्ट पारी में 72 ओवरों की गेंदबाजी की है? जी हां, इन रिकॉर्ड्स को बनाया है अनिल कुंबले ने. कुंबले को भारतीय टीम में 'जंबो' नाम से जाना जाता है. वह अब तक के सबसे महान भारतीय स्पिन गेंदबाज हैं, जिन्होंने 1,000 से अधिक अंतरराष्ट्रीय विकेट लिए हैं. आज अनिल अपना 51 वां जन्मदिन मना रहे हैं.
की है इंजीनियरिंग की पढ़ाई
कुंबले होली सेंट इंग्लिश स्कूल गए और बैंगलोर के नेशनल हाई स्कूल से अपनी स्कूली शिक्षा पूरी की. यह बात बहुत ही कम लोग जानते होंगे कि कुंबले अब तक के सबसे अकादमिक रूप से योग्य भारतीय क्रिकेटर हैं. उन्होंने राष्ट्रीय विद्यालय कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग से मैकेनिकल इंजीनियरिंग में डिग्री पूरी की. जी हां, अनिल कुंबले ने क्रिकेट के साथ-साथ अपनी डिग्री भी पूरी की और इसके बाद क्रिकेट में अपना करियर बनाया.
हालांकि, कुंबले बचपन से ही क्रिकेट खेलना चाहते थे. 'जंबो' 13 साल की उम्र में यंग क्रिकेटर्स क्लब में शामिल हो गए. कुंबले ने कर्नाटक के लिए अपना पहला घरेलू मैच 19 साल की उम्र में 1989 में हैदराबाद के खिलाफ खेला था.
सबसे सफल स्पिनर हैं कुंबले
कुंबले भारत के सबसे सफल स्पिनर हैं, लेकिन बहुत कम लोग जानते हैं कि कुंबले ने शुरुआत में अपने करियर की शुरुआत एक मध्यम तेज गेंदबाज के रूप में की थी. कुंबले ने सबसे तेज 50 टेस्ट विकेट (केवल 10 टेस्ट मैचों में) तक पहुंचने वाले भारतीय गेंदबाज होने का रिकॉर्ड बनाया था. जिसे बाद में रविचंद्रन अश्विन ने 9 टेस्ट में 50 विकेट लेकर तोड़ा था.
वेस्टइंडीज के खिलाफ 1993 में कोलकाता के ईडन गार्डन में कुंबले ने सिर्फ 12 रन देकर 6 विकेट लिए थे. यह एक भारतीय रिकॉर्ड बना हुआ है. कुंबले के नाम टेस्ट मैचों में सर्वाधिक 25 कैच और बॉल आउट करने का रिकॉर्ड है.
एक ही मैच में लीं 10 विकेट
आपको बता दें कि कुंबले कपिल देव के बाद 400 टेस्ट विकेट लेने वाले दूसरे भारतीय गेंदबाज बने. कुंबले एकमात्र भारतीय गेंदबाज हैं जिन्होंने 30 से अधिक मौकों पर एक टेस्ट पारी में 5 विकेट लिए हैं.
साथ ही, वह इंग्लैंड के जिम लेकर के बाद टेस्ट पारी में सभी 10 विकेट लेने वाले दूसरे गेंदबाज हैं. 1998 में फिरोज शाह कोटला में पाकिस्तान के खिलाफ 74 रन देकर कुंबले ने 10 विकेट लिए. इसे "अब तक का दूसरा सर्वश्रेष्ठ गेंदबाजी प्रदर्शन" कहा जाता है.
टूटे जबड़े से भी खेले हैं कुंबले
साल 2002 में विंडीज के खिलाफ एक टेस्ट मैच के दौरान, कुंबले को चेहरे पर मेरी डिलियन की गेंद लगी और उनके जबड़े में फ्रैक्चर हो गया. उन्हें 11 टांके लगे. लेकिन फिर भी उन्होंने मैच खेलना और गेंदबाजी जारी रखने का फैसला किया, और उसी मैच में उन्होंने ब्रायन लारा को भी आउट किया.
कुंबले को 1995 में प्रतिष्ठित अर्जुन पुरस्कार से सम्मानित किया गया था. वह वर्ष 1996 में विजडन क्रिकेटर्स ऑफ द ईयर में से एक थे. भारत सरकार ने 2005 में 'जंबो' को पद्म श्री से सम्मानित किया.