Birthday Special: ओलंपिक में खेलने वाली पहली भारतीय महिला शूटर हैं अन्नू राज सिंह, फैमिली में भाई से लेकर मां तक हैं शूटर

Annu Raj Singh Birthday Special: आज देश में बहुत-सी महिला एथलीट हैं जिन्होंने न सिर्फ नेशनल बल्कि इंटरनेशनल लेवल पर देश का नाम रोशन किया है. और आज भारत की एक ऐसी ही बेटी के बारे में हम आपको बता रहे हैं. यह कहानी है उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ से ताल्लुक रखने वाली देश की फेमस महिला शूटर खिलाड़ी अन्नू राज सिंह की. 

Annu Raj Singh
निशा डागर तंवर
  • नई दिल्ली ,
  • 17 फरवरी 2022,
  • अपडेटेड 1:04 PM IST
  • 13 साल की उम्र में किया शूटिंग में आगे बढ़ने का फैसला
  • परिवार में सब हैं शूटर

अक्सर हम अपने आस-पास किसी न किसी को यह कहते हुए सुनते हैं कि लड़कियों का काम घर का चूल्हा-चौका संभालना होता है. उन्हें बाहर निकलने की क्या जरूरत है. लेकिन भारत की बेटियों ने हर स्तर पर यह साबित किया है कि वे न सिर्फ घर के काम बल्कि पढ़ाई, नौकरी और खेल जैसे क्षेत्रों में भी अव्वल हैं. 

आज देश में बहुत-सी महिला एथलीट हैं जिन्होंने न सिर्फ नेशनल बल्कि इंटरनेशनल लेवल पर देश का नाम रोशन किया है. और आज भारत की एक ऐसी ही बेटी के बारे में हम आपको बता रहे हैं. यह कहानी है उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ से ताल्लुक रखने वाली देश की फेमस महिला शूटर खिलाड़ी अन्नू राज सिंह (Annu Raj Singh) की. 

17 फरवरी 1984 को जन्मी अन्नू राज सिंह (Annu Raj Singh) ने बहुत ही कम उम्र में यह तय कर लिया था कि वह शूटिंग में अपना करियर बनाएंगी. उन्होंने अपने सपने को पूरा करते हुए देश-दुनिया में तिरंगे को सम्मान दिलाया.

परिवार में सब हैं शूटर: 

बच्चों को उनकी शुरूआती शिक्षा घर से मिलती है. और अन्नू ने बचपन से ही अपने आसपास शूटिंग का माहौल देखा. इसकी वजह थी उनके माता-पिता का इस क्षेत्र से जुड़ा होना. उन्हें अपनी मां मीरा सिंह से प्रेरणा मिली क्योंकि उनकी मां खुद एक स्टेट लेवल की शूटर खिलाड़ी रह चुकी थीं. 

उनके पिता भी ऑल इंडियन लेवल के अनुभवी शूटर खिलाड़ी थे. और तो और उनके बड़े भाई अमित राज सिंह भी नेशनल लेवल पर एक शूटर खिलाड़ी हैं. इसलिए अन्नू को भी परिवार का पूरा सपोर्ट मिला और मात्र 13 वर्ष की उम्र में उन्होंने तय कर लिया कि वह इसी क्षेत्र में आगे बढ़ेंगी. 

नेशनल चैंपियनशिप्स में जीते 27 मेडल: 

अन्नू ने अपने परिवार के मार्गदर्शन में नेशनल कोच सनी थॉमस से ट्रेनिंग ली. साल 1998 में उन्होंने शूटिंग की शुरुआत की. सबसे पहले उन्होंने 2002 में नेशनल जूनियर चैंपियनशिप में जीत हासिल की. यह बतौर प्रोफेशनल शूटर उनकी पहली जीत थी. 

इसके बाद उन्होंने एक के बाद एक 10 नेशनल शूटिंग चैंपियनशिप में पार्टिसिपेट किया और कुल 27 पदक जीते. साथ ही, साल 2007 में उन्होंने 33वें नेशनल गेम्स में 3 गोल्ड मेडल और 1 सिल्वर मेडल जीतकर अपने परिवार का नाम रोशन किया. 

ओलंपिक में जाने वाली पहली महिला शूटर:

साल 2010 में दिल्ली में हुए कॉमनवेल्थ गेम्स में भी अन्नू ने अच्छा प्रदर्शन किया. कॉमनवेल्थ गेम्स में अन्नू ने गोल्ड मेडल जीता था. वहीं ग्वांझाऊ में हुए एशियन गेम्स में अन्नू ने 10 मीटर एयर पिस्टल इवेंट में सिल्वर पदक अपने नाम किया था. 

हालांकि, अन्नू ने इतिहास तब रचा जब उन्हें 2012 में ओलंपिक में खेलने का मौका मिला. क्योंकि यह पहली बार था जब कोई भारतीय महिला शूटर खिलाडी ओलंपिक जा रही थी. उन्हें आईएसएस वर्ल्ड कप में सिल्वर मेडल जीतने के बाद यह मौका मिला. 

लंदन ओलंपिक में अन्नू 10 मीटर एयर पिस्टल इवेंट में 17वें स्थान पर रहीं थीं. अन्नू को समय-समय पर शूटिंग में देश का नाम रोशन करने के लिए अर्जुन अवॉर्ड से नवाजा गया था. बताया जाता है कि वर्तमान में अन्नू एविएशन सेक्टर से जुड़ी हुई हैं. 

अन्नू फ़िलहाल भले ही शूटिंग फील्ड में एक्टिव नहीं हैं लेकिन उनकी कहानी और उनका शानदार करियर बहुत सी लड़कियों के लिए प्रेरणा है. जो खेल के क्षेत्र में आगे बढ़ना चाहती हैं और अपनी एक पहचान बनाना चाहती हैं. 

Read more!

RECOMMENDED