Happy Birthday Geetika Jakhar: देश की वह पहली महिला पहलवान जिन्हें मिला अर्जुन अवॉर्ड

Happy Birthday Geetika Jakhar: गीतिका जाखड़ एक भारतीय पहलवान हैं और खिलाड़ियों के परिवार से आती हैं. वह भारतीय खेलों के इतिहास में एकमात्र महिला पहलवान हैं जिन्हें 2005 के राष्ट्रमंडल खेलों के सर्वश्रेष्ठ पहलवान के रूप में आंका गया और साथ ही, गीतिका पहली महिला पहलवान हैं जिन्हें 2006 में भारत सरकार ने अर्जुन पुरस्कार से सम्मानित किया.

Indian Woman Wrestler Geetika Jakhar (Photo: Facebook)
निशा डागर तंवर
  • नई दिल्ली ,
  • 18 अगस्त 2022,
  • अपडेटेड 12:19 PM IST
  • 18 अगस्त 1985 को जन्मी गीतिका ने कई मौकों पर देश का नाम रोशन किया है
  • 15 साल की उम्र में गीतिका ने भारत केसरी का खिताब जीता था

हरियाणा को शुद्ध देसी खाने के साथ-साथ खेल और खिलाड़ियों के लिए भी जाना जाता है. इस राज्य ने देश को एक से बढ़कर एक खिलाड़ी दिए हैं. कभी कन्या भ्रूण हत्या के लिए बदनाम हरियाणा को आज इसकी खिलाड़ी बेटियां एक नई पहचान दे रही हैं. आज का हरियाणा महिला पहलवानों, मुक्कोबाजों और कई अलग-अलग प्लेयर्स के नाम से जाना जा रहा है. 

आज हरियाणा की एक पहलवान बेटी से हम आपको रू-ब-रू करा रहे हैं. यह कहानी है गीतिका जाखड़ की, जो एक भारतीय महिला पहलवान हैं. और हरियाणा सरकार में बतौर डीएसपी नियुक्त हैं. साल 2014 में ग्लासगो कॉमनवेल्थ गेम्स में गीतिका ने 63 किलोग्राम भार वर्ग में सिल्वर मेडल जीता था. 18 अगस्त 1985 को जन्मी गीतिका ने कई मौकों पर देश का नाम रोशन किया है. 

विरासत में मिला है कुश्ती का खेल
पहलवान गीतिका जाखड़ को खेल और कुश्ती विरासत में मिली है. गीतिका के पिता स्पोर्ट्स अफसर हैं तो वहीं उनके दादा अपने जमाने के जाने-माने पहलवान रहे हैं. दादा के नक्शे कदमों प चलते हुए गीतिका ने कुश्ती में अपनी पहचान बनाई है. उन्होंने 13 साल की उम्र में कुश्ती खेलना शुरू किया. 

15 साल की उम्र में गीतिका ने भारत केसरी का खिताब जीता और फिर लगातार 9 सालों तक इस खिताब को जीतती रहीं. हालांकि, गीतिका कुश्ती से पहले एथलेटिक्स में अपना हाथ आजमा चुकी हैं. लेकिन एक बार उन्होंने कुछ लड़कियों को कुश्ती करते देखा तो बस ठान लिया कि उन्हें भी कुश्ती है करनी है. कुश्ती में उन्होंने कई सम्मान और खिताब हासिल किए हैं. 

मिला है अर्जुन अवॉर्ड
हरियाणा पुलिस में डीएसपी गीतिका जाखड़ देश की पहली अर्जुन अवॉर्डी महिला पहलवान हैं. बात अगर उनकी अचीवमेंट्स की करें तो आज वह बहुत से युवाओं के लिए प्रेरणा हैं. 

  • गीतिका ने 2003 और 2005 कॉमनवेल्थ चैंपियनशिप में गोल्ड मेडल और 2007 में सिल्वर मेडल जीता. उन्हें राष्ट्रीय खेलों में उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए "भीम पुरस्कार" मिला.
  • 2005 में, गीतिका राष्ट्रमंडल खेलों के सर्वश्रेष्ठ पहलवान के रूप में सम्मानित होने वाली पहली भारतीय महिला बनीं.
  • अपने खेल में शानदार प्रदर्शन के लिए 2006 में गीतिका को अर्जुन पुरस्कार से सम्मानित किया गया था.
  • 2006 के एशियाई खेलों में रजत पदक और 2014 एशियाई खेलों में कांस्य पदक जीता.
  • 2007 नेशनल गेम्स और 2007 सीनियर नेशनल चैंपियनशिप में गीतिका ने गोल्ड मेडल जीते.
  • 2009 में, उन्हें कल्पना चावला उत्कृष्टता पुरस्कार मिला.
  • 2011 में, वह राष्ट्रीय चैम्पियनशिप में स्वर्ण पदक जीतने वाली सबसे कम उम्र की पहलवान बनीं.
  • गीतिका ने 2014 के राष्ट्रमंडल खेलों में 63 किलोग्राम वर्ग में शानदार प्रदर्शन कर रजत पदक जीता.
  • 2019 में, गीतिका ने विश्व पुलिस और फायर गेम्स में 69 किग्रा वर्ग में रजत पदक जीता. 

 

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