Break Dance at Paris Olympics: न्यूयॉर्क की गलियों से निकली डांस फॉर्म कैसे बनी ओलंपिक का एक खेल, जानिए

Break Dance: ब्रेकिंग या ब्रेकडांसिंग की ईजाद न्यूयॉर्क के ब्रोंक्स में 1970 के दशक में हुई. ब्रेकिंग की पहली अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिता 1990 के दशक में हुई. 2016 यूथ ओलंपिक में इसे शामिल किया गया, जहां सफलता मिलने के बाद इसे पेरिस ओलंपिक में जोड़ने का फैसला लिया गया.

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gnttv.com
  • नई दिल्ली ,
  • 24 जुलाई 2024,
  • अपडेटेड 10:31 AM IST

ओलंपिक खेलों का आगाज 1896 में नौ खेलों के 43 आयोजनों के साथ हुआ था. दो शताब्दियों से गुजरते हुए इस आयोजनों ने लंबा सफर तय किया है. पेरिस में होने जा रहे 2024 ओलंपिक में 32 खेलों के कुल 329 आयोजन होने जा रहे हैं. इस बार अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक समिति (IOC) ने कयाक क्रॉस (Kayak Cross) और ब्रेक डांसिंग (Break Dancing) उर्फ ब्रेकिंग को आयोजन में शामिल किया है. कयाकिंग फिर भी जाना-पहचाना खेल है, लेकिन ब्रेकिंग बतौर स्पोर्ट उस स्तर तक लोकप्रिय नहीं है. आइए जानते हैं ब्रेकिंग कैसे बना एक खेल और क्या हैं इसके नियम.

न्यूयॉर्क से शुरू हुई ब्रेकडांसिंग 
ब्रेकिंग या ब्रेकडांसिंग की ईजाद का श्रेय न्यूयॉर्क के ब्रोंक्स में अश्वेत और लैटिन अमेरिकी युवाओं को दिया जा सकता है. 1970 के दशक में शुरू हुई इस 'डांस फॉर्म' की खासियत इसमें शामिल एक्रोबैटिक्स और फुटवर्क थे. शुरुआती सालों में ही ब्रेकडांसिंग पार्टियों और क्लबों से लेकर सामुदायिक केंद्रों तक में प्रचलित हो गई. 

ब्रेकिंग की पहली अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिता 1990 के दशक में हुई. एक डांस फॉर्म के रूप में लोकप्रिय होने के बाद ब्रेकिंग अपनी एथलेटिक खूबियों के लिए भी पहचानी जाने लगी. साल 2016 में आईओसी ने अर्जेंटीना के ब्यूनस आयर्स में 2018 युवा ओलंपिक खेलों में ब्रेकिंग को शामिल करने का फैसला किया. जब आयोजकों ने यूथ ओलंपिक में इसकी लोकप्रियता देखी तो उन्होंने निर्णय लिया कि इसे 2024 में पेरिस ओलंपिक में भी जगह दी जाएगी. 

क्या है ब्रेकिंग?
ब्रेकिंग में तीन चीजें प्रमुख होती हैं. पहला टॉप रॉक, दूसरा डाउन रॉक और तीसरा फ्रीज. टॉप रॉक में वे सभी डांस मूव्स आती हैं जो खड़े होकर की जाती हैं. फ्रीज यानी जब डांसर एक मुश्किल पोजीशन में जम जाता है. ब्रेकिंग में सबसे अहम और आकर्षक होता है डाउन रॉक. परफॉर्मेंस के के इस हिस्से में डांसर हाथों के बल स्पिन करने और कलाबाज़ी जैसी मूव्स करता है, जो बेहद मुश्किल होती हैं. 

एक मुकाबले में दो एथलीट या 'ब्रेकर' एक-दूसरे के खिलाफ परफॉर्म करते हैं. एक मुकाबले में आम तौर पर सभी ब्रेकर एक निश्चित संख्या में सेट या परफॉर्मेंस स्टेज पर पेश करते हैं. ज्यादातर प्रतियोगिताओं में फाइनल से पहले दो या तीन सेट होने के बाद आखिरी मुकाबले में तीन या पांच सेट होते हैं. 

कैसे मिलते हैं प्वॉइंट्स
पेरिस ओलंपिक में पुरुषों और महिलाओं के लिए अलग-अलग प्रतियोगिताएं होंगी, जहां दुनिया के सर्वश्रेष्ठ 16 बी-बॉयज और 16 बी-गर्ल्ज एकल मुकाबले में आमने-सामने होंगे. 

कम से कम तीन या अधिक जज रचनात्मकता, पर्सनैलिटी, तकनीक, विविधता, प्रदर्शनशीलता और संगीतात्मकता के आधार पर विजेता का फैसला करते हैं. तकनीक, प्रदर्शनशीलता और रचनात्मकता कुल स्कोर का 60 प्रतिशत होते हैं, जबकि 40 प्रतिशत अंक विविधता, संगीतात्मकता और पर्सनैलिटी के आधार पर दिए जाते हैं. प्रत्येक राउंड के बाद वोट जमा किए जाते हैं और सबसे ज्यादा अंक वाले ब्रेकर को विजेता घोषित किया जाता है. 

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