WTC 2023-25 Final: भारत-श्रीलंका के बीच हो सकता है वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप फाइनल! जानिए किन समीकरणों में है यह मुमकिन

डब्ल्यूटीसी टेबल में इस समय भारत पहले, ऑस्ट्रेलिया दूसरे और श्रीलंका तीसरे स्थान पर है. घरेलू परिस्थितियों में दोनों एशियाई देशों के शानदार प्रदर्श की बदौलत भारत-श्रीलंका के बीच वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप फाइनल होने की संभावनाएं मजबूत हो गई हैं.

भारत दो बार डब्ल्यूटीसी फाइनल में जगह बना चुका है. (Photo/BCCI)
शादाब खान
  • नई दिल्ली,
  • 30 सितंबर 2024,
  • अपडेटेड 2:28 PM IST
  • डब्ल्यूटीसी तालिका के टॉप पर है भारत
  • न्यूजीलैंड को हराकर श्रीलंका ने भी लगाई है छलांग

श्रीलंका ने हालिया टेस्ट सीरीज में न्यूजीलैंड को 2-0 से हराकर घरेलू परिस्थितियों में अपना दबदबा एक बार फिर साबित किया है. इस सीरीज की शुरुआत से पहले जहां न्यूजीलैंड वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप (World Test Championship) टेबल में तीसरे नंबर पर थी, वहीं सीरीज खत्म होने तक श्रीलंका ने कीवी टीम की जगह ले ली है. 

डब्ल्यूटीसी टेबल में इस समय भारत पहले, ऑस्ट्रेलिया दूसरे और श्रीलंका तीसरे स्थान पर है. और इसी के साथ भारत-श्रीलंका के बीच वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप फाइनल होने की संभावनाएं मजबूत हो गई हैं. आइए जानते हैं किन समीकरणों में श्रीलंका डब्ल्यूटीसी फाइनल में पहुंच सकता है. और लंदन के लॉर्ड्स मैदान पर होने वाले खिताबी मुकाबले में भारत से भिड़ सकता है.

क्या हैं श्रीलंका की संभावनाएं?
इस वक्त श्रीलंका नौ मैचों के बाद 55.56 प्रतिशत अंक के साथ पॉइंट्स टेबल में तीसरे स्थान पर है. ऑस्ट्रेलिया 12 मैचों के बाद 62.50 प्रतिशत अंक के साथ दूसरे स्थान पर है और भारत 10 मैचों के बाद 71.67 प्रतिशत अंक अर्जित कर तालिका के शीर्ष पर बना हुआ है. अगर श्रीलंका डब्ल्यूटीसी के फाइनल में पहुंचना चाहता है तो उसे भारत या ऑस्ट्रेलिया में से किसी एक को पीछे छोड़ना होगा. 

मामला यहीं आकर दिलचस्प हो जाता है क्योंकि न सिर्फ भारत को पांच मैचों की टेस्ट सीरीज खेलने ऑस्ट्रेलिया जाना है, बल्कि श्रीलंका को भी दो टेस्ट मैचों के लिए ऑस्ट्रेलिया की मेजबानी करनी है. इसके अलावा श्रीलंका को दो टेस्ट मैचों के लिए दक्षिण अफ्रीका का भी दौरा करना है. इस तरह श्रीलंका की डब्ल्यूटीसी फाइनल में पहुंचने की संभावनाओं को तीन समीकरणों में बांटा जा सकता है.

प्रोटियाज, कंगारू दोनों को हरा दे: ऐसा होने की संभावनाएं भले ही बहुत कम हैं लेकिन अगर श्रीलंकाई टीम आने वाले चार टेस्ट मैचों में साउथ अफ्रीका और ऑस्ट्रेलिया दोनों को 2-0 से हरा दे तो वह इस डब्ल्यूटीसी साइकिल के 13 मैचों में 69.23 प्रतिशत अंक हासिल कर लेगी. ऐसे में बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी (Border Gavaskar Trophy) के अंत तक भारत और ऑस्ट्रेलिया दोनों के लिए इससे ज्यादा अंक अपने खाते में बरकरार रखना मुमकिन नहीं होगा. 

अगर श्रीलंका साउथ अफ्रीका को 1-0 से और ऑस्ट्रेलिया को 2-0 से हराए तो उसके पास 61 प्रतिशत अंक होंगे. ऐसे में बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी 3-0 से जीतकर भी ऑस्ट्रेलिया डब्ल्यूटीसी फाइनल में नहीं पहुंच पाएगी. और खिताबी मुकाबला भारत-श्रीलंका के बीच होगा. 

प्रोटियाज से हारे, कंगारुओं को हरा दे: अगर साउथ अफ्रीका में श्रीलंका का रिकॉर्ड देखा जाए तो इसकी संभावनाएं बहुत कम हैं कि वह प्रोटियाज को उसकी सरजमीन पर सीरीज हरा पाएगी. हालांकि ऑस्ट्रेलिया को अपने घर में मात देना श्रीलंका के लिए कोई असंभव काम नहीं. ऐसे में अगर श्रीलंका साउथ अफ्रीका से 0-2 से हारकर ऑस्ट्रेलिया को मात दे तो उसके पास 53.84 प्रतिशत अंक होंगे. 

वहीं अगर वह साउथ अफ्रीका से एक मैच हारने के अलावा एक ड्रॉ करवा ले तो उसके पास 56 प्रतिशत अंक होंगे. इन दोनों सूरतों में बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी में भारत की जीत या सीरीज का ड्रॉ होना ऑस्ट्रेलिया को फाइनल से बाहर कर देगा. और डब्ल्यूटीसी फाइनल भारत-श्रीलंका के बीच खेला जाएगा. 

साउथ अफ्रीका से ड्रॉ खेले श्रीलंका: अगर साउथ अफ्रीका और श्रीलंका के बीच होने वाली टेस्ट सीरीज 1-1 से ड्रॉ होती है तो डब्ल्यूटीसी साइकिल के अंत तक श्रीलंका के पास 61.53 प्रतिशत अंक होंगे. ऐसे में अगर ऑस्ट्रेलिया बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी 4-0 या 5-0 से नहीं जीतती तो श्रीलंका डब्ल्यूटीसी फाइनल में पहुंच जाएगी. ध्यान रहे कि हर समीकरण में श्रीलंका को ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ टेस्ट सीरीज 2-0 से जीतनी होगी ताकि वह कंगारुओं की डब्ल्यूटीसी फाइनल में पहुंचने की उम्मीदों पर चोट कर सके. 

डब्ल्यूटीसी फाइनल में कैसे पहुंच सकता है भारत?
भारत दो बार डब्ल्यूटीसी फाइनल में जगह बना चुका है, हालांकि वह एक बार भी फाइनल में जीत का स्वाद नहीं चख सका. भारत अब तीसरी बार डब्ल्यूटीसी फाइनल में पहुंचने की कगार पर है. न्यूजीलैंड के खिलाफ आगामी तीन मैचों की टेस्ट सीरीज जीतना भारत के लिए आसान काम होगा. रोहित शर्मा के सामने बड़ी चुनौती होगी ऑस्ट्रेलियाई सरजमीन पर होने वाली टेस्ट सीरीज जहां वह पहली बार कप्तानी करेंगे. 

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