साल 2022 में अपनी शानदार गेंदबाजी से बल्लेबाजों के होश उड़ाने वाली रेणुका सिंह ठाकुर को आईसीसी इमर्जिंग विमेंस क्रिकेटर ऑफ द ईयर 2022 के अवार्ड से बुधवार को नवाजा गया. क्या आप जानते हैं जब रेणुका सिर्फ तीन साल की थीं तो उन्होंने अपने पिता को खो दिया था. उनके पास अपने पिता की बहुत अधिक यादें नहीं हैं, लेकिन बड़े होकर रेणुका ने अपने पिता के क्रिकेट के प्रति दीवानगी को जाना. तभी से उनमें क्रिकेट के प्रति जुनून भरता गया. आइए जानते हैं रेणुका के क्रिकेट में आने की कहानी.
पिता थे क्रिकेट के दीवाने
हिमाचल प्रदेश के रोहड़ के परसा गांव की रहने वाली रेणुका के परिवार को हमेशा से क्रिकेट बहुत पसंद था. रेणुका के क्रिकेटर बनने के पीछे उनके पिता केहर सिंह का क्रिकेट से लगाव महत्वपूर्ण साबित हुआ. रेणुका के पिता क्रिकेट के ऐसे फैन थे कि उन्होंने अपने बेटे का नाम विनोद कांबली के नाम पर रख दिया. रेणुका जब मात्र तीन साल की थीं, तभी उनके पिता केहर सिंह का देहांत हो गया. रेणुका को आज भी अफसोस होता है कि उनके पिता उन्हें क्रिकेट में नाम कमाता हुआ देखने से कई साल पहले ही इस दुनिया से चल बसे.
बचपन में लड़कों के साथ खेलती थीं क्रिकेट
रेणुका जब स्कूल में थीं, तभी से उनमें क्रिकेट के प्रति जुनून भरता गया. दोपहर में जैसे ही स्थानीय लड़के टेनिस बॉल से क्रिकेट खेलते थे, रेणुका भी इसमें शामिल हो जाती थीं. दोस्ताना खेल घंटों तक चलता रहता था. पिता का सपना पूरा करने के लिए रेणुका गांव के मैदान में लड़कों के साथ क्रिकेट खेलती थीं. राइट आर्म मीडियम फास्ट गेंदबाज हैं.
क्रिकेट के लिए घर छोड़ दिया था
रेणुका के खेल के प्रति जुनून को देखते हुए उनके चाचा भूपिंदर सिंह ठाकुर ने परिवार को रेणुका को धर्मशाला की हिमाचल प्रदेश क्रिकेट एसोसिएशन की महिला अकादमी में भेजने के लिए राजी किया था. मात्र 13 साल की उम्र में उन्होंने क्रिकेट के लिए घर छोड़ दिया था. रेणुका ने एक बार कहा था कि अगर वह मुझे खेलते हुए नहीं देखते तो शायद आज मैं यहां नहीं होती.
ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ इंटरनेशनल डेब्यू किया था
रेणुका ने घरेलू सर्किट में बेहतरीन प्रदर्शन किया. 2018-19 में उन्होंने 21 विकेट चटकाए और इसी कारण उनका चयन चैलेंजर ट्रॉफी के लिए किया गया. इसके बाद उन्हें ऑस्ट्रेलिया दौरे के लिए इंडिया-ए टीम में भी चुना गया. रेणुका के लिए साल 2021 किस्मत बदलने वाला साबित हुआ. इसी साल अगस्त में उन्हें भारत की टी-20 टीम में चुना गया. ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ उन्होंने अपना इंटरनेशनल डेब्यू किया. रेणुका ने अपने देश के लिए 2022 में सफेद गेंद के दो प्रारूपों में सिर्फ 29 मैचों में 40 विकेट लिए. उन्होंने वनडे में सिर्फ 14.88 की औसत से 18 विकेट लिए.
रेणुका की खासियत
पूर्व भारतीय क्रिकेटर और रेलवे, इंडिया-ए के कोच नौशीन अल खादीर ने कहा कि रेणुका बाकी खिलाड़ियों से अलग हैं. उसके पास बेहतरीन इनस्विंगर है. वह डेथ ओवरों में बेहतरीन यॉर्कर डाल सकती है. एक खराब मैच के बाद वह दुखी नहीं होती है. वह दूसरे मैच के लिए तैयार रहती है. हम चीजों को प्लान कर सकते हैं लेकिन उसके पास उसे लागू करने की स्किल है.
झूलन गोस्वामी की कमी कर रहीं पूरी
भारतीय महिला क्रिकेट में झूलन गोस्वामी जैसी महान खिलाड़ी के संन्यास लेने के बाद एक समय लग रहा था जैसे भारतीय महिला टीम की गेंदबाजी में अब वो धार नहीं रहेगी लेकिन ठाकुर ने झूलन की जगह लेते हुए शानदार खेल दिखा कर महिला टीम की गेंदबाजी में धार बरकरार रखी है.