Inspirational: गरीब बच्चों का जीवन संवार रहा है यह ASI, फ्री में सिखाते हैं बॉक्सिंग, स्पोर्ट्स कोटे के तहत सरकारी नौकरी लगे कई छात्र

चंडीगढ़ में पंजाब पुलिस का एक अफसर गरीब बच्चों को मुफ्त में बॉक्सिंग सिखाता है ताकि ये बच्चे स्पोर्ट्स में अपना करियर बना सकें और स्पोर्ट्स में आगे न बढ़ सके तो कम से कम खेल के कोटे के जरिए कोई सरकारी नौकरी पा सकते हैं.

ASI teaching boxing for free
ललित शर्मा
  • चंडीगढ़,
  • 27 फरवरी 2024,
  • अपडेटेड 10:30 AM IST

हर कोई किसी के सपनों को आकार और किसी आयाम तक नहीं पहुंचा सकता है. कुछ बिरले ही ऐसे लोग होते हैं जो अपने सपनों को दूसरों की आंखों में जी कर पूरा करते हैं. जी हां ऐसा ही उदाहरण है पंजाब पुलिस में ASI जोगिंदर कुमार जो पिछले 14 सालों से खुले आसमान के नीचे गरीब बच्चों को फ्री में बॉक्सिंग की ट्रेनिंग दे रहे हैं.

उनकी मेहनत रंग भी लाई है और लगभग 6 से 7 बच्चे इसी स्पोर्ट्स कोटे के ज़रिए सरकारी नौकरी कर रहे हैं जबकि दर्जनों बच्चों ने कई राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय बॉक्सिंग स्पर्धा में देश के लिए मेडल जीते हैं. जोगिंदर कुमार ने गुड न्यूज़ टुडे से खास बातचीत में बताया कि आज से लगभग 14 वर्ष पहले उन्होंने चंडीगढ़ के सेक्टर तीन के बोगेनविलिया गार्डन में अपनी बेटी को बॉक्सिंग सिखाना शुरू किया था.

खुद जोगिंदर कुमार स्पोर्ट्स कोटे से पुलिस में भर्ती हुए हैं लेकिन भारत के लिए बॉक्सिंग में कोई मेडल नहीं ला पाए. क्योंकि उस समय उनके शौक को पूरा करने के लिए उनकी आर्थिक स्थिति मजबूत नहीं थी. जैसे उनका खुद का सपना टूटा था वह नहीं चाहते थे कि किसी और का सपना टूटे. इसलिए वह उन सभी बच्चों को मुफ्त में बॉक्सिंग की ट्रेनिंग खुले आसमान के नीचे दे रहे हैं जिनके पास ज्यादा साधन नहीं हैं. उन्हें डाइट से लेकर बॉक्सिंग ग्लव्स तक जोगिंदर मुफ्त में मुहैया करवाते हैं.

ड्यूटी के बाद कराते हैं प्रैक्टिस
जोगिंदर कुमार ने बताया कि इन बच्चों के लिए वह कड़ी मेहनत करते हैं. अपनी ड्यूटी के बाद वह सीधे इस गार्डन में पहुंचते हैं और फिर ट्रेनिंग का सिलसिला शुरू होता है. पिछले एक दशक में जोगिंदर कुमार के लगभग एक दर्जन से ज्यादा बच्चे कई राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय बॉक्सिंग स्पर्धा में देश के लिए कई मेडल जीत चुके हैं.

यही नहीं उनके सिखाए लगभग 6 बच्चे अब बॉक्सिंग के जरिए ITBP और पंजाब पुलिस जैसी सरकारी नौकरी भी पा चुके हैं. जोगिंदर कुमार की यह पहल काबिल-ए-तारीफ है जिससे बहुत से बच्चों का भविष्य संवर रहा है. 

 

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