इंडियन प्रीमियर लीग का मेगा ऑक्शन (IPL Mega Auction 2022) बेंगलुरु में दो दिन तक चला. आईपीएल के 15वें सीजन के लिए कुलदीप सेन को को राजस्थान रॉयल्स ने 20 लाख में खरीदा है. मध्य प्रदेश के शहर रीवा में प्रतिभाओं की कमी नहीं है. एक के बाद एक यहां कई प्रतिभाएं उभर कर सामने आ रही हैं. इसी कड़ी में रीवा के बेटे कुलदीप सेन ने IPL में आगाज किया है. अब वह इस आईपीएल सीजन में राजस्थान रॉयल्स की ओर से खेलेंगे. कुलदीप के पिता की हेयर सैलून को छोटी सी दुकान है और उसी से वह परिवार का खर्च चलाते हैं. गरीबी से निकलकर आईपीएल तक का सफर तय करने वाले कुलदीप की कहानी काफी प्रेरणादायक है.
आईपीएल के मेगा ऑक्शन में रीवा के कुलदीप का चयन राजस्थान रॉयल्स की टीम में हुआ है. कुलदीप सेन वर्तमान में रणजी में खेल रहे. लेकिन IPL तक पहुंचने की राह आसान नहीं थी. पिता रामपाल सेन हेयर कटिंग सैलून की दुकान चलते है. इनकी आर्थिक आमदनी इतनी अच्छी नहीं थी की वह कुलदीप को क्रिकेट की महंगी किट दिला सके और ना ही एकेडमी की फीस देने के पैसे. घर की आर्थिक स्थिति जानने के बाद कोच एरिल एंथोनी ने एकेडमी की फीस माफ कर दी थी.
13 साल की उम्र से खेलना शुरू किया था क्रिकेट
दायें हाथ से मध्यम तेज गेंदबाजी करने वाले कुलदीप सेन का जन्म 28 अक्टूबर 1996 को रीवा जिले के ग्राम हरिहरपुर में हुआ था. विषम आर्थिक परिस्थितियों के बावजूद 13 साल की उम्र से क्रिकेट खेलना शुरू किया था. कुलदीप के टैलेंट को देखते हुए रीवा क्रिकेट एसोसिएशन ने ट्रेनिंग देना शुरू किया. एकेडमी में इनकी फीस भी माफ कर दी और कोच एरिल एंथोनी ने गेंदबाजी की गुर सिखाये. कुलदीप को क्रिकेट का गुर सिखाने वाले उनके कोच एरिल एंथोनी बताते है कि कुलदीप तेज मध्यमगति के गेंदबाज हैं. इनके आउट कटर इनस्विंगर का जवाब किसी भी बल्लेबाज के सरलता से नहीं होता है. कुलदीप में विकेट लेने की ललक और खेल के प्रति गजब का उत्साह रहता है. 2018 में रणजी सिलेक्शन के बाद भी वह लगातार अकादमी के लिए खेलता रहा है. वर्तमान में वह राजकोट में है. आईपीएल में हुए चयन को लेकर उसके साथी खिलाड़ियों और परिजनों में खुशी का माहौल है.
पूरे घर का खर्च सैलून की दुकान पर ही निर्भर था
पिता रामपाल सेन और मां गीता सेन के 5 संतानों में से तीसरे नंबर के कुलदीप हैं. जबकि उनकी दो बड़ी बहनें, शशिकला सेन और सीमा सेन का विवाह हो चुका है. जबकि राजदीप सेन और जगदीप सेन छोटे भाई हैं. पुश्तैनी जमीन के रूप में इनके पास घर बनाने के लिए जमीन का टुकड़ा था. पूरे घर का खर्च सैलून की दुकान पर ही निर्भर था. कई बार भूखे ही कुलदीप पैदल, फटे हुए कपड़ो में खेलने जाना पड़ता था. पिता नहीं चाहते थे की वह क्रिकेटर बने लेकिन उसका जूनून था. घर में वह छोटे बच्चों के साथ घर के अंदर गेंद के साथ खेला करता था. जैसे-जैसे वह बड़ा हुआ. तो कमरे से बाहर गलियों में क्रिकेट खेलना शुरू किया.
कोच ने माफ कर दी थी फीस
2014 में अवधेश प्रताप सिंह विश्वविद्यालय के स्टेडियम में रीवा क्रिकेट एसोसिएशन क्रिकेट खेलना शुरू किया. तेज मध्यम गति गेंदबाज होने के साथ ही एक बड़ा पिंच हिटर भी है. वह लम्बे-लम्बे छक्के मारने के लिए अकादमी में जाना जाता है. कोच एरिल एंथोली बताते है की 2014 से कुलदीप अकादमी में खेलने आया. बचपन से ही काफी परिश्रमी था. समय पर अकादमी में पहुंच जाना, खेलन में लगन, देर तक प्रैक्टिस करना, एरिल एंथोनी को भा गया था. घर की आर्थिक स्थिति जानने के बाद एरिल एंथोनी ने एकेडमी की फीस माफ कर दी थी. कुलदीप ने रणजी 2018 में पंजाब की आधी टीम को अकेले धराशायी कर दिया था. अब तक 14 रणजी मैचों मे 43 विकेट लेकर कुलदीप ने अपनी छाप छोड़ी है.
(रिपोर्ट- विजय कुमार विश्वकर्मा)