भारत और जापान के संबंध हमेशा से ही दोस्ताना रहे हैं. इसमें कोई दो राय नहीं है. समय-समय पर ऐसी भी कोशशें होती हैं जिससे यह दोस्ती और भी ज्यादा मजबूत होती नजर आती है. यही काम इन दिनों जापान से भारत आए 31 साल के नोजुमो हागीहारा कर रहे हैं. लैंगिक समानता स्वच्छता विश्व शांति और खेल भावना को बढ़ावा देने के लिए वह बीते 3 मार्च से कोलकाता से फुटबॉल के साथ ड्रिबलिंग करते हुए लगभग 1000 किलोमीटर की यात्रा पूरी करके वाराणसी पहुंच चुके हैं. उनका मकसद है ऑस्ट्रेलियाई खिलाड़ी के 337 किलोमीटर की ड्रिबलिंग के गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड जो 2023 में बनाया गया था उसको तोड़ना. साथ ही साथ भारत में फुटबॉल के युवा खिलाड़ी और प्रतिभाओं को निखारना.
प्रतिदिन 25 किलोमीटर का लक्ष्य
अपने मकसद के बारे में नोजुमो ने खास बातचीत में बताया कि ड्रिबलिंग करते हुए उन्होंने कोलकाता से नई दिल्ली 2000 किलोमीटर का चैलेंज लिया है. गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड के लिए और 1000 किलोमीटर पूरा भी कर चुके हैं. उन्होंने बताया कि वह अपने एक प्रोजेक्ट के सिलसिले में जब बिहार गए थे तो देखा वहां के बच्चों में गजब का पोटेंशियल है. इसके बाद से उन्होंने गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड के चैलेंज को लिया है. उन्होंने बताया कि वह कोलकाता, बिहार, झारखंड और उत्तर प्रदेश होते हुए नई दिल्ली पहुंचेंगे, लगभग 2000 किलोमीटर की यात्रा फुटबॉल के जरिए ड्रिबलिंग करते हुए. इसको पूरा करने के लिए उन्होंने प्रतिदिन 25 किलोमीटर का लक्ष्य रखा है. लेकिन इससे कहीं ज्यादा वह 40 किलोमीटर प्रतिदिन पूरा कर रहे हैं. वे हमेशा अपने क्षमताओं को बढ़ाने पर ध्यान देते हैं. उन्होंने बताया कि वह अपने गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड के लक्ष्य के अलावा लैंगिक समानता, स्वच्छता, विश्व शांति और खेल भावना को बढ़ाने का संदेश भी लेकर चल रहे हैं.
15 मई को नई दिल्ली पहुंचेंगे नोजुमो
उन्होंने बताया कि इस लक्ष्य को पूरा करते हुए वे 15 मई को नई दिल्ली पहुंचेंगे. जहां पर समारोह के दौरान न केवल जापानी एंबेसी के अधिकारी रहेंगे, बल्कि भारतीय खेल मंत्री भी मौजूद रहेंगे. इसके अलावा आईआईटी दिल्ली और दिल्ली यूनिवर्सिटी भी जाएंगे. भारतीय फुटबाल खिलाड़ियों की क्षमता और ताकत के बारे में उन्होंने बताया कि जापान के मुकाबले भारतीय फुटबॉल खेल डिवीजन 2 की क्षमता रखते हैं. उन्होंने बताया कि इसके पीछे कारण है कि जापानी लगभग 30-40 वर्षों से फुटबॉल खेल रहे हैं जबकि भारत में हमें जमीनी स्तर पर काफी मेहनत करने की जरूरत है. ताकि हम भविष्य के खिलाड़ियों को खोज सकें. वहीं नोनो के जज्बे को देखकर वाराणसी के युवा फुटबॉल खिलाड़ी भी काफी हैरान हैं और उन्हें सलाम करते हैं.