कटरा के नताली गांव के रहने वाले 39 वर्षीय पैरा ओलंपिक खिलाड़ी राकेश कुमार को 17 जनवरी को भारत सरकार द्वारा अर्जुन अवार्ड से नवाजा जाएगा. राकेश कुमार श्री माता वैष्णो देवी स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स में पिछले 7 साल से अभ्यास कर रहे हैं. श्री माता वैष्णो देवी श्राइन बोर्ड द्वारा उन्हें खेल के संबंधित मूलभूत उपकरण मुहैया करवाए गए हैं ताकि उनकी प्रतिभा को उड़ान मिल सके.
2017 से ट्रेनिंग ले रहे राकेश कुमार
राकेश कुमार 2017 से पैरा आर्चर का अभ्यास कर रहे हैं उन्होंने जीवन में 2 एशियन और 2 पैरालंपिक खेल में भाग लिया है जिन्हें मिलकर वह जीवन में 12 अंतरराष्ट्रीय खेलों में भाग ले चुके हैं, जिसमें उन्होंने 18 पदक जीते हैं. जिसमें से 10 गोल्ड, 3 सिल्वर और 5 ब्रॉन्ज हैं. राकेश कुमार ने भारत देश के साथ-साथ कटरा का नाम और ऊंचा कर दिया है.
पूरे भारत में राकेश कुमार के नाम का डंका
राकेश कुमार को 2009 में जम्मू के पास नगरोटा में नाले में टाटा सूमो गिरने से 6 लोगों की मृत्यु हो गई थी और 3 लोग बच गए थे, उन्हीं में से एक थे राकेश कुमार. राकेश कुमार ने सोचा भी नहीं था कि जिंदगी उनको जीने का एक मौका देगी. राकेश कुमार ने सपने में भी नहीं सोचा होगा कि उनके सितारे आसमान की बुलंदियों को छूने वाले हैं और उनका डंका पूरे भारत में बजने वाला है.
अर्जुन अवार्ड पाने वाले जम्मू और कश्मीर के पहले पुरुष
जम्मू और कश्मीर के यह पहले पुरुष हैं, जिन्हें अर्जुन अवार्ड मिलने जा रहा है. इससे पहले डोडा की रहने वाली पैरा आर्चर शीतल देवी को भी अर्जुन अवार्ड मिल चुका है. गौरतलब है कि यह दोनों खिलाड़ी श्री माता वैष्णो स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स में अभ्यास करते हैं और दोनों के कोच भी वहीं पर खिलाड़ियों को खेल सिखाते हैं. राकेश कुमार ने अपना सारा श्रेय अपने कोच कुलदीप कुमार वेदवाण और कोच अभिलाषा चौधरी और श्री माता वैष्णो देवी श्राइन बोर्ड को दिया है. उन्होंने बताया कि इनकी सहायता के बिना यह संभव नहीं हो पाता.
-गौरव पराशर की रिपोर्ट