क्रिकेट लॉस एंजेलिस ओलंपिक का हिस्सा होगा. 128 साल बाद साल 2028 में ओलंपिक में क्रिकेट की वापसी होगी. इंटरनेशनल ओलंपिक कमेटी की मुंबई में आयोजित सेशन में 5 खेलों को ओलंपिक का हिस्सा बनाने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी गई है. क्रिकेट के अलावा इसमें स्क्वैश, बेसबॉल/सॉफ्टबॉल, लैक्रोस और फ्लैग फुटबॉल को भी शामिल किया गया है. चलिए आपको उन खेलों के बारे में बताते हैं.
टी20 फॉर्मेट में होगा ओलंपिक मैच-
साल 2028 में लॉस एंजेलिस में ओलंपिक का आयोजन होगा. ओलंपिक में पुरुष और महिला टी20 क्रिकेट को शामिल किया गया है. टी20 फॉर्मेट में 20-20 ओवर का मैच होता है. इससे पहले भी ओलंपिक में क्रिकेट खेला गया था. साल 1900 में पेरिस ओलंपिक में पहली बार क्रिकेट खेला गया था. उस दौरान इसमें 4 टीमों ने हिस्सा लिया था. जिसमें ग्रेट ब्रिटेन, फ्रांस, नीदरलैंड और बेल्जियम शामिल थे. हालांकि नीदरलैंड और बेल्जियम ने मैच शुरू होने से पहले ही अपने नाम वापस ले लिए थे. जिसकी वजह से फ्रांस और ब्रिटेन के बीच गोल्ड के लिए मुकाबला हुआ था. ब्रिटेन ने फ्रांस को हराकर गोल्ड मेडल जीता था. ओलंपिक में पहली बार टेस्ट मैच खेला गया था.
कैसे खेला जाता है स्क्वैश-
लॉस एंजेलिस ओलंपिक में स्क्वैश भी खेला जाएगा. एक स्क्वैश में 5 गेम होते हैं. जो टीम 3 गेम जीतती है, वो विजेता होती है. हर गेम में 11 अंक होते हैं. अगर दो खिलाड़ी या टीम के पास 10-10 अंक हैं तब जो खिलाड़ी या टीम पहले दो प्वाइंट्स बनाएगी, वो गेम जीत लेगी.
स्क्वैश रैकेट कुछ हद तक टेनिस रैकेट की तरह ही होते हैं. लेकिन उका आकार टेनिस रैकेट से थोड़ा अलग होता है. स्क्वैश के रैकेट 686 मिमी लंबे और 215 मिमी चौड़े होते हैं. रैकेट का वजन 255 ग्राम हो सकता है.
स्क्वैश मैच की शुरुआत सर्व से होती है. सर्विस कर रहा खिलाड़ी अपने पहले सर्व के लिए सर्विस बॉक्स में से किसी भी एक सर्विस बॉक्स को चुन सकता है. विरोधी खिलाड़ी हाफ-कोर्ट लाइन के विपरित दिशा में शॉर्ट लाइन के पीछे खड़ा होता है. सर्व के दौरान एक खिलाड़ी को अपना एक पैर सर्विस बॉक्स के अंदर रखना होता है. इस दौरान उसे लाइन को छूना नहीं होता है, जब तक कि गेंद हिट न हो जाए.
खिलाड़ियों को स्क्वैश में सर्व के लिए केवल एक शॉट मिलता है. अगर वो नियम के अनुसार सर्व करने में नाकाम होते हैं तो विरोधी खिलाड़ी को एक अंक मिल जाता है. सर्व तभी बदलता है, जब सर्व करने वाला खिलाड़ी एक अंक गंवा दे. जब तक खिलाड़ी जीतता रहता है, वो लगातार सर्विस करना जारी रखता है.
क्या होता है लैक्रोस गेम में-
लैक्रोस गेम में खिलाड़ी एक स्टिक के जरिए विपक्षी टीम के गोल में रबर की गेंद को हिट करने की कोशिश करते हैं. इस खेल में इस्तेमाल की जाने वाली स्टिक के ऊपरी हिस्से में नेट लगा होता है. फील्ड लैक्रोस एक 10ए-साइड गेम है. ये 100 मीटरx55 मीटर की पिच पर खेला जाता है. एक गोल के बाद खेल को फिर से शुरू किया जाता है. लेकिन ओलंपिक 2028 में वर्ल्ड लैक्रोस सिक्सेज को शामिल किया गया है, 70 मीटरx36 मीटर की पिच पर खेला जाता है. जिसमें एंड-लाइन से 1- मीटर की दूरी पर गोल होते हैं. लैक्रोस 2 टीमों के बीच खेला जाता है. हर टीम में एक गोलकीपर होता है. इसमें 12 खिलाड़ियों का एक रोस्टर होता है. जिसमें से 6 खिलाड़ी मैदान पर उतरते हैं.
ये गेम 32 मिनट का होता है. जो 8 मिनट के 4 अलग-अलग क्वार्टर में खेला जाता है. पहले और तीसरे क्वार्टर के अंत में 2 मिनट का ब्रेक होता है. हाफ-टाइम 5 मिनट तक चलता है. वर्ल्ड लैक्रोस सिक्सेस मैच करीब एक घंटे में खत्म होता जाता है.
बेसबॉल/सॉफ्टबॉल-
ओलंपिक गेम्स 2028 में बेसबॉल-सॉफ्टबॉल को भी शामिल किया गया है. बेसबॉल-सॉफ्टबॉल दो टीमों के बीच खेला जाता है. हर समय एक फील्डिंग साइड और एक बैटिंग साइड होती है. खेल के दौरान दोनों टीमें बारी-बारी से गेम खेलती है. जिसे पारी कहते हैं. जब टीम ए बल्लेबाजी करेगी और टीम बी पारी के टॉप हाफ में फील्डिंग करेगी और बॉटम हाफ के लिए स्वैप करेगी. बेसबॉल और सॉफ्टबॉल के खेल में एक अंतर ये है कि बेसबॉल में ओवरआर्म गेंद फेंकी जाती है और सॉफ्टबॉल में अंडरआर्म गेंद फेंकी जाती है. पिचर गेंद को बल्लेबाज की तरफ फेंकता है, जो इसे आगे की तरफ मारता है. गेंद को हिट करने के बाद बैटर 4 बेसों में से एक की तरफ दौड़ता है और दूसरा रनर पहले बेस से दूसरे बेस की तरफ दौड़ता है और तीसरा रनर अपने बेस से होम बेस पर जाता है.
इस खेल में जब तीन बल्लेबाज आउट हो जाते हैं तो टीमें बैटिंग और फील्डिंग रोटेट करती हैं. मैच में सबसे अधिक रन बनाने वाली टीम जीतती है. आपको बता दें कि बेसबॉल 27 मीटर और सॉफ्टबॉल बेस 18 मीटर की डायमेंशन में फैला होता है. सॉफ्टबॉल खेल 7 पारियों का होता है. आमतौर पर सॉफ्टबॉल खेल दो घंटे में खत्म हो जाता है.
क्या होता है फ्लैग फुटबॉल-
ओलंपिक 2028 में फ्लैग फुटबॉल को भी शामिल किया गया है. ये खेल संपर्क-रहित खेल है. इस खेल में खिलाड़ी एक-दूसरे को टैकल करते हैं, जो तीन फ्लैग में से एक को हटाकर बनाया जाता है. आपको बता दें कि फ्लैग कपड़े की बेल्ट के समान होता, जो बॉल-कैरियर की कमर से बंधा होता है. जिसमें दोनों तरफ एक और पीछे की तरफ एक फ्लैग होता है.
इस खेल में हर टीम के पास हाफ लाइन तक पहुंचने के लिए 4 प्रयास होते हैं और इन्हें डाउन्स के तौर पर जाना जाता है. सफल होने पर टीम को एंडजोन तक पहुंचने और टचडाउन स्कोर करने के लिए अन्य 4 डाउन मिलते हैं. लेकिन अगर टीम किसी भी डाउन में असफल होती है तो गेंद विपक्षी टीम को सौंप दी जाती है.
फ्लैग फुटबॉल मैच में 20 मिनट के दो हाफ होते हैं. हर हाफ में 2 मिनट का चेतावनी समय होता है. फ्लैग फुटबॉल की हर टीम में 12 खिलाड़ी होते हैं, जिसमें से 5 खिलाड़ी मैदान पर होते हैं.
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