पिछले महीने, माल्टा टी20 वीमेन्स क्रिकेट टीम ने रोमानिया के खिलाफ अपना पहला टी20 अंतरराष्ट्रीय मैच खेला. इस मैच की जीत ने माल्टा वीमेन क्रिकेट का इतिहास बदल दिया. माल्टा की इस महिला टीम की सबसे खास बात भारत से जुड़ी है.
दरअसल, इस क्रिकेट टीम में कई महिला खिलाड़ी भारत की हैं. जी हां, यह सुनकर बहुत से लोगों को हैरानी होगी कि भारत में क्रिकेट में करियर न बनाकर इन लड़कियों ने माल्टा की क्रिकेट टीम जॉइन की. लेकिन दिलचस्प बात यह है कि ये माल्टा की टीम का नेतृत्व करने वाली ये भारतीय बेटियां पेशे से नर्स हैं.
माल्टा टीम में भारतीय नर्सें
28 अगस्त को माल्टा की इस टीम ने रोमानिया को 3-0 से हराकर कॉन्टिनेंटल कप अपने नाम कर लिया. तब से ही लगातार इस टीम के बारे में बात हो रही है. खास बात यह है कि इस टीम में ज्यादातर भारतीय नर्सें हैं. जो अपने नर्सिंग करियर के लिए माल्टा गई थीं और अब वहां अस्पतालों में काम करते हुए, क्रिकेट भी खेल रही हैं.
इसके अलावा, नेपाल, बांग्लादेश, फिलीपींस, दक्षिण अफ्रीका और यूके की खिलाड़ी शामिल हैं. कोई भी खिलाड़ी माल्टा से नहीं है. टीम की कप्तान शामला चोलासेरी हैं जो मूल रूप से केरल की रहने वाली हैं और अगस्त 2019 में बतौर केयर असिस्टेंट वह माल्टा गई थीं.
नर्सिंग करियर के साथ क्रिकेट
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, शामला केरल के उत्तर में एक पहाड़ी जिले से हैं और उन्होंने इससे पहले कभी प्रोफेशनल क्रिकेट नहीं खेला था. लेकिन घर-परिवार में अपने कजिन्स के साथ वह क्रिकेट खेलती थीं. वह लगभग ढाई साल से माल्टा में हैं.
और इस साल जनवरी में, उन्होंने माल्टा क्रिकेट एसोसिएशन से एक व्हाट्सएप संदेश देखा जिसमें लिखा था कि माल्टा अपनी पहली महिला क्रिकेट टीम की स्थापना कर रहा है और खिलाड़ियों की तलाश कर रहा है. शामला को क्रिकेट पसंद है और इसलिए उन्होंने रजिस्टर किया.
उनकी ही तरह और भी कई नर्स सिर्फ अपने शौक के लिए क्रिकेट एसोसिएशन गईं. आज कई भारतीय नर्स- अनुपमा रमेशन, अन्वी विमल, कोयल कुरियन, राम्या विपिन और अनीता संतोष, माल्टा टीम का हिस्सा हैं.
ड्यूटी के बाद करती हैं प्रैक्टिस
ये सभी खिलाड़ी मैदान पर कड़ी मेहनत कर रही हैं. इनमें से ज्यादातर लोग सुबह 7 बजे से शाम 7 बजे की शिफ्ट में काम करते हैं. लेकिन रात 9 बजे से आधी रात या 1 बजे तक ये सभी प्रैक्टिस करती हैं.
रविवार को, वे दोपहर 2 बजे तक काम करती हैं और शाम 4 बजे से 8 बजे तक ट्रेनिंग करती हैं. यह सिर्फ इन लड़कियों का इस खेल के लिए प्यार है जो उन्हें इस मुकाम तक ले आया है. उम्मीद है कि ये लड़कियां इसी तरह आगे बढ़ती रहेंगी.