Manicures in Paris Olympics: केवल जूते या ड्रेस ही नहीं... खूबसूरत नाखून भी करते हैं एथलीट्स की अच्छी परफॉरमेंस में मदद, ओलंपिक विलेज में खोले गए हैं नेल सैलून

इतने सारे एथलीट अपने मैनीक्योर पर फोकस कर रहे हैं. इसी को देखते हुए इस बार ओलंपिक विलेज में एक नेल सैलून भी खोला गया  है. इसकी मदद से एथलीट प्रतियोगिता पर ध्यान देते हुए अपने नाखूनों पर भी फोकस कर सकता है.

Manicures in Paris Olympics (Photo: Getty Images)
gnttv.com
  • नई दिल्ली,
  • 08 अगस्त 2024,
  • अपडेटेड 1:58 PM IST
  • स्टाइल और परफॉरमेंस साथ-साथ
  • मैनीक्योर उनके व्यक्तित्व को दिखाता है 

एक एथलीट की परफॉरमेंस और उसकी जीत के पीछे कई सारे फैक्टर्स होते हैं. किसी भी बड़े खेल में फोकस अक्सर एथलीटों की यूनिफॉर्म, जूते और इक्विपमेंट पर होता है. लेकिंन इस साल पेरिस ओलंपिक में मैनीक्योर ने भी दर्शकों का ध्यान खींचा है. बोल्ड कलर से  लेकर अलग-अलग डिजाइनों तक, एथलीट साबित कर रहे हैं कि छोटी से छोटी चीजें भी उनके प्रदर्शन और उनकी परफॉरमेंस में बड़ी भूमिका निभा सकती है. इसी को देखते हुए इसबार पेरिस ओलंपिक में नेल सैलून खोला गया है.

स्टाइल और परफॉरमेंस साथ-साथ
इस ट्रेंड के केंद्र में ट्रैक और फील्ड स्टार शा'कैरी रिचर्डसन (Sha’Carri Richardson) और ओलंपिक गोल्ड मेडल विजेता जॉर्डन चाइल्स (Jordan Chiles) और सुनी ली (Suni Lee) हैं. इन एथलीटों ने अपनी प्रतियोगिता की तैयारियों के हिस्से के रूप में मैनीक्योर को तवज्जो दी है. इससे कहीं न कहीं लोगों को यकीन हो गया है कि स्टाइल और परफॉरमेंस साथ-साथ चल सकते हैं.

ट्रैक पर और उसके बाहर अपनी पर्सनैलिटी के लिए मशहूर शा'कैरी रिचर्डसन के नाखूनों ने सबका ध्यान खींचा. 2 अगस्त, 2024 को महिलाओं के 100 मीटर राउंड 1 के दौरान, शा'कैरी ने ज्वेल से सजे हुए और अमेरिकी ध्वज के पैटर्न वाले लंबे, नुकीले नाखून लगाए थे. उनके नाखून न सिर्फ एक फैशन स्टेटमेंट थे बल्कि आत्मविश्वास और गर्व का प्रतीक भी थे.

पॉलिश किए गए नाखूनों के पीछे का मनोविज्ञान
यूके स्पोर्ट्स इंस्टीट्यूट में मनोविज्ञान के प्रमुख डॉ. डेनिएल एडम्स नोरेनबर्ग एथलीटों पर मैनीक्योर के मनोवैज्ञानिक प्रभाव के बारे में बताते हैं. डॉ. डेनिएल के अनुसार, पॉलिश किए हुए नाखून एथलीटों की आत्म-अभिव्यक्ति और आत्मविश्वास को बढ़ा सकते हैं. वे ऐसा करके खुद को एक्सप्रेस करते हैं. इससे उनकी ताकत भी बढ़ती है. 

(फोटो- Getty Images)

डॉ. डेनिएल ने न्यू यॉर्क पोस्ट को बताया कि इन नेल डिजाइनों पर एथलीटों और उनके ट्रेनर्स सावधानीपूर्वक विचार भी करते हैं. मैनीक्योर को वे आत्मविश्वास और आत्म-अभिव्यक्ति के रूप में देखते हैं. 

मैनीक्योर उनके व्यक्तित्व को दिखाता है 
शा'कैरी रिचर्डसन की नेल आर्टिस्ट सोफिया किनया हॉग बताती हैं कि एथलीट का बोल्ड मैनीक्योर उनके व्यक्तित्व का प्रतिबिंब है. सोफिया ने बताया, "शा'कैरी ने मुझसे उनके नाखून थोड़े छोटे करने के लिए कहा था क्योंकि उनके लिए जूते के फीते बांधना मुश्किल हो रहा था."

टीम यूएसए के एक दूसरे ट्रैक स्टार नोआ लायल्स ने भी अपने मैनीक्योर से सुर्खियां बटोरीं. 4 अगस्त, 2024 को पुरुषों के 100 मीटर फाइनल के दौरान, नोआ लायल्स ने हर उंगली पर कुछ आइकन बनाए थे. 

(फोटो- Getty Images)

जिमनास्ट इस ट्रेंड में शामिल हो रहे हैं
जिम्नास्टिक क्षेत्र में भी फैशनेबल नाखूनों की हिस्सेदारी देखी गई है. जॉर्डन चाइल्स और सुनी ली दोनों ने ऐसे मैनीक्योर अपनाए हैं जो उनके प्रदर्शन को पूरा करते हैं. जॉर्डन ने नीले, लाल और सोने वाले फ्रेंच टिप नाखूनों को चुना था, जबकि सुनी ली ने 25 डॉलर के प्रेस-ऑन नाखून पहने थे, इनमें एक क्लासिक फ्रेंच मैनीक्योर था.

जॉर्डन चाइल्स को फ्लोर रूटीन के लिए ब्रॉन्ज मेडल मिला है. वे बताती हैं कि उनके लंबे ऐक्रेलिक नाखून वास्तव में उन्हें जिमनास्टिक में मदद करते हैं. 

सशक्तिकरण के स्रोत के रूप में नाखून
एथलीटों के बीच मैनीक्योर का चलन सशक्तिकरण और आत्म-अभिव्यक्ति को दिखाता है. विमेन हेल्थ की फैशन फीचर एडिटर इसाबेल केनेवेट मैनीक्योर और एथलेटिक प्रदर्शन के बीच एक समानता बताती हैं. वे कहती हैं, “एथलीट अपनी परफॉर्मेंस को को अच्छा बनाने के लिए एक इक्विपमेंट के रूप में अपने मैनीक्योर का उपयोग करते हैं. अपने नाखून के डिजाइन भी वे सावधानीपूर्वक चुनते हैं. 

 

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