Indian Premier League (IPL) 2024 के लिए ऑक्शन शुरू हो गया है. इस बार कई नए खिलाड़ियों को खेलने का मौका मिल रहा है. इन खिलाड़ियों में एक और नाम शामिल हुआ है रॉबिन फ्रांसिस का. झारखंड में रांची के रहने वाले 21 साल के रॉबिन को गुजरात टाइटन्स ने 3.60 करोड़ रुपये में चुना है. इसके बाद रॉबिन के पिता और कोच की खुशी का ठिकाना नहीं है. रॉबिन को 'रांची का गेल' के नाम से जाना जाता है.
रिटायर्ड आर्मी मैन का बेटा
48 वर्षीय रिटायर्ड आर्मी मैन, फ्रांसिस जेवियर मिंज रांची हवाई अड्डे पर एक फर्म द्वारा नियुक्त सुरक्षा गार्ड के रूप में काम करते हैं. द इंडियन एक्सप्रेस से बात करते हुए उन्होंने बताया कि वह यात्रियों को उनके बोर्डिंग पास के लिए मदद कर रहे थे, जब गुजरात टाइटन्स ने मुंबई इंडियंस से बिडिंग जीतने के बाद उनके बेटे रॉबिन को चुना. दरअसल, एक CISF जवान ने उनके पास आकर उन्हें बधाई दी और कहा, 'अरे फ्रांसिस सर, आप तो करोड़पति बन गए.'
आपको बता दें कि मिंज परिवार की जड़ें गुमला जिले के आदिवासी इलाके के एक गांव तेलगांव से जुड़ी हैं. क्रिकेट इस क्षेत्र का सबसे बड़ा खेल नहीं है. यहां से कई विश्व स्तरीय हॉकी खिलाड़ी निकले हैं. फ्रांसिस भी खेलों में रुचि रखते थे और एथलेटिक्स के प्रति उनके प्रेम के कारण ही उन्हें सेना में नौकरी मिली. आर्मी में शामिल होने के बाद, परिवार रांची चला गया. यहीं पर रॉबिन ने क्रिकेट को चुना. रॉबिन भी शहर के ज्यादातर बच्चों की तरह, यहां के आयकन एमएस धोनी की तरह बनना चाहते हैं.
धोनी के कोच से ली ट्रेनिंग
धोनी के बचपन के कोच चंचल भट्टाचार्य ने रॉबिन को अपने संरक्षण में लिया. रॉबिन अच्छी विकेटकीपिंग करते हैं. जब धोनी ने भारत में पदार्पण किया, तो रांची में सिर्फ एक क्रिकेट अकादमी थी. आज 15 हैं. रांची में बहुत से बच्चे विकेटकीपिंग करना चाहते हैं और धोनी की तरह लंबे बाल रखने का ट्रेंड है. वहीं, रॉबिन के पिता, फ्रांसिस के पिता ने इंडियन एक्सप्रेस को बताया कि हाल ही में हवाई अड्डे पर वह धोनी से मिले थे. धोनी ने उनसे कहा था कि फ्रांसिस जी अगर कोई रॉबिन को नहीं लेगा तो वह ले लेंगे.
रॉबिन रांची के सॉनेट क्रिकेट क्लब में तीन कोचों के तहत प्रशिक्षण लेते हैं. उनकी बल्लेबाजी पर काम करने वाले आसिफ हक उनकी तुलना वेस्टइंडीज के पावरहाउस क्रिस गेल से करते हैं. वे रॉबिन को रांची का गेल कहते हैं. वह बाएं हाथ के बैट्समैन हैं, और बड़े-बड़े छक्के मारते हैं. रॉबिन एक नए जमाने के क्रिकेटर हैं जो ओपनिंग करना पसंद करते हैं और 200 की स्ट्राइक रेट से बल्लेबाजी करने में विश्वास रखते हैं.
वहीं, चंचल का कहना है कि रॉबिन उन्हें युवा धोनी की याद दिलाता है, क्योंकि वह एक फ्लोटर की तरह नंबर 3 से नंबर 7 तक कहीं भी बल्लेबाजी कर सकता है. रॉबिन की तरह, झारखंड के एक और विकेटकीपर-बल्लेबाज 19 वर्षीय कुमार कुशाग्र थे, जिन्हें मंगलवार की नीलामी में दिल्ली कैपिटल्स ने 7.20 करोड़ रुपये में खरीदा था. कुछ साल पहले, मुंबई इंडियंस ने रांची से विकेटकीपर- बल्लेबाज इशान किशन को 15.25 करोड़ रुपये में साइन किया था.
धोनी ने दी थी यह सलाह
रॉबिन को धोनी ने रांची के जेएससीए स्टेडियम में एक कैंप के दौरान सलाह दी थी. उन्होंने रॉबिन से कहा था कि अच्छा खेलते हो, टिक के खेलो. अपना विकेट मत गंवाओ, छक्का मारने के बाद एक रन लेने का प्रयास करो, एक ओवर में छह छक्के मारने का प्रयास मत करो. रॉबिन को उनका अनुशासन अपने पिता से मिला है.
और अब रांची हवाई अड्डे पर उनके पिता एक सेलिब्रिटी बन गए हैं. लेकिन वह ज़मीन से जुड़े हुए हैं. उनका कहना है कि उनके पास नौकरी है और दो बेटियां पढ़ रही हैं, और वह चाहते हैं कि रॉबिन भी अपनी ग्रेजुएशन की पढ़ाई पूरी करे. उनका कहना है कि उन्होंने रॉबिन को वही सिखाया है जो उन्होंने 9 बिहार रेजिमेंट में सीखा था. उन्होंने रॉबिन को ईमानदारी और वफ़ादारी सिखाई है. उन्होंने अपने बेटे से बस इस बात को याद रखने के लिए कहा है कि कर्म ही धर्म है. यह 9 बिहार रेजिमेंट का युद्ध घोष है.