Paris Olympics 2024: Manika Batra के लिए China से आया टेबल, PV Sindhu की Germany में हो रही ट्रेनिंग

Paris Olympics 2024: टोक्यो ओलंपिक 2021 में सात मेडल जीतकर अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने के बाद भारतीय एथलीट इस बार नए कीर्तिमान रचने के लिए तैयार हैं. भारतीय एथलीटों के पास पेरिस में अपनी छाप छोड़ने का मौका है और मिशन ओलंपिक सेल (MOC) ने बीते तीन सालों में तैयारी भी कुछ ऐसी ही की है.

India at Paris Olympics 2024
gnttv.com
  • नई दिल्ली,
  • 08 जुलाई 2024,
  • अपडेटेड 8:25 PM IST

पेरिस में होने वाले 2024 ओलंपिक (Paris Olympics 2024) की उल्टी गिनती शुरू हो गई है. करीब तीन हफ्ते बाद दुनियाभर के एथलीट वैश्विक खेलों के सबसे बड़े और वृहद मंच पर अपने-अपने देश का नाम रोशन करने की होड़ में होंगे. तेजी से सफलता की कहानी गढ़ रहे भारतीय खेल इकोसिस्टम के पास भी पेरिस में अपनी छाप छोड़ने का मौका होगा. 

केंद्रीय खेल मंत्रालय के मिशन ओलंपिक सेल (MOC) ने पिछले तीन सालों में तैयारी भी इसी तरह की है. इंडियन एक्सप्रेस की एक रिपोर्ट बताती है कि एमओसी ने भारतीय एथलीटों को विदेश में ट्रेनिंग मुहैया करवाने से लेकर नवीनतम टेक्नोलॉजी के गैजेट उपलब्ध करवाए हैं. रिपोर्ट के अनुसार, आरटीआई (Right to Information) के तहत हासिल किए गए दस्तावेज बताते हैं: 

  • जर्मन शहर सारब्रुकन में 12 विशेषज्ञों की एक टीम एक बूट कैंप में बैडमिंटन खिलाड़ी पीवी सिंधु को तीसरे ओलंपिक मेडल के लिए तैयार कर रहे हैं.
  • टेबल टेनिस स्टार मनिका बत्रा के लिए पेरिस ओलंपिक में इस्तेमाल होने वाले टेबल जैसा हूबहू टेबल चीन से मंगवाया गया है. ताकि वह इस टेबल की गति, स्पिन और उछाल की आदी बन सकें. 
  • घुड़सवारी (Equestrian) की तैयारी के लिए भारतीय घुड़सवार अनुश अग्रवाल के डार्क चेस्टनट जेलिंग को विशेष चारा खिलाया जा रहा है. साथ में उन्हें सैडल पैड, जूते और कंबल सहित उचित उपकरण उपलब्ध करवाए गए हैं. 
  • वेटलिफ्टर मीराबाई चानू को भारोत्तोलन की तकनीक बेहतर करने के लिए आईपैड और हाई-स्पीड कैमरे मुहैया करवाए गए हैं. 

बेहद खास है सिंधु की तैयारी
मिशन ओलंपिक सेल ने पेरिस ओलंपिक के लिए किस तरह कमर कसी है, इसका अंदाजा स्टार शटलर पीवी सिंधु की ट्रेनिंग से लगाया जा सकता है. दो बार की ओलंपिक पदक विजेता सिंधु 15 जून से सारब्रुकन में डेरा डाले हुए हैं. उनके साथ एक सलाहकार (प्रकाश पादुकोण), एक मुख्य कोच, दो सहायक कोच, दो फिजियोथेरेपिस्ट, एक स्ट्रेंथ और कंडीशनिंग कोच और पांच स्पारिंग पार्टनर (खिलाड़ी) हैं. 

सिंधु 20 जुलाई तक वहीं ट्रेनिंग करेंगी. जिसके बाद वह पेरिस के लिए रवाना होंगी. सिंधु को तरोताजा रखने के लिए उनके कमरे में एक "बड़ा टीवी" लगाया गया है. उनके आराम करने, मीटिंग्स आयोजित करने आदि के लिए एक लाउंज सुविधा भी दी गई है. जहां सरकार और सिंधु के स्पॉन्सर 'ओलंपिक गोल्ड क्वेस्ट' ने इसका ज्यादातर खर्च वहन किया, वहीं सिंधु ने खुद भी आंशिक रूप से योगदान दिया. 

ट्रेनिंग के बाद सिंधु की रिकवरी के लिए भी विशेष इंतजाम मौजूद हैं. ट्रेनिंग के बाद रिकवरी में सहायता के लिए सिंधु को एक इन्फ्रारेड सॉना केबिन उपलब्ध कराया गया है. वहीं दूसरी ओर, पुरुष शटलर एचएस प्रणय, टेबल टेनिस स्टार अचंत शरत कमल और वर्ल्ड चैंपियन मुक्केबाज निखत जरीन को भी रिकवरी के लिए विशेष सुविधाएं उपलब्ध करवाई गई हैं. 

निखत अपने लेजर यूनिट के बारे में बताती हैं, "मुक्केबाजी एक ऐसा खेल है जहां हर अभ्यास सत्र के बाद छोटी-मोटी चोटें लगती रहती हैं. किसी छोटी सी जगह पर मांसपेशियां कड़ी हो सकती हैं, या छोटी-मोटी चोट हो सकती है. लेजर यूनिट में रिकवरी मिलने से उस हिस्से को ठीक करने में मदद मिलती है." 

हमेशा ऐसी नहीं थी भारतीय एथलेटिक्स की तस्वीर
भारतीय एथलेटिक्स की तस्वीर हमेशा से इतनी महत्वाकांक्षी और आशावान नहीं थी. गोल्ड मेडलिस्ट शूटर अभिनव बिंद्रा बताते हैं कि साल 2006 में जब वह खेल मंत्रालय के अधिकारियों से "कोचिंग, इक्विपमेंट और ट्रेनिंग" के लिए फंड मांगने गए थे तो उनके हाथ निराशा लगी थी. इसी तरह 2012 ओलंपिक की कांस्य पदक विजेता मुक्केबाज मैरी कॉम को विदेशी कोच और ट्रेनिंग का खर्च उठाने के लिए निजी स्पॉन्सर पर निर्भर रहना पड़ा था. वहीं 2016 में, धावक दुती चंद रियो ओलंपिक्स से दो हफ्ते पहले फूट-फूटकर रो पड़ी थीं, उसके बाद ही उन्हें दौड़ने वाले जूतों के लिए पैसे दिए गए थे. 

भारतीय एथलेटिक्स की ऐसी ही कई मायूस करने वाले कहानियों के घटने के बाद मिशन ओलंपिक सेल (एमओसी) का गठन हुआ. एमओसी में पूर्व एथलीट, भारतीय और विदेशी कोच, उच्च-प्रदर्शन निदेशक सरकारी अधिकारी मौजूद होते हैं. पिछले तीन सालों में एमओसी ने हर गुरुवार बैठक बुलाकर पेरिस ओलंपिक की तैयारियों का जायजा लिया है. 

इस बार 10+ मेडल्स की है उम्मीद
रिपोर्ट में अधिकारियों के हवासे से बताया गया कि 2021 में हुए टोक्यो ओलंपिक्स के बाद से अब तक टारगेट ओलंपिक पोडियम स्कीम (TOPS) के तहत एमओसी 72 करोड़ रुपए खर्च कर चुका है. देश के पांच बड़े खेल संघों को उम्मीद है कि इस बार भारतीय एथलीट 10 से ज्यादा मेडल ला सकते हैं. टोक्यो ओलंपिक 2021 में भारत ने नीरज चोपड़ा के गोल्ड मेडल के अलावा छह मेडल और जीते थे.

यह ओलंपिक में भारत का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन था. इस बार एथलेटिक्स फेडरेशन ऑफ इंडिया (AFI) को भाला फेंक (Javelin Throw) से कम से कम दो मेडल्स की उम्मीद है. वहीं, मुक्केबाजी में भारत को तीन, बैडमिंटन में 'दो-तीन' और तीरंदाजी एवं भारोत्तोलन में एक-एक मेडल की उम्मीद है. 

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