Mithali Raj Retirement: मिताली राज ने क्रिकेट को कहा अलविदा, जानिए उनका बचपन में एक्सपर्ट कथक डांसर से लेडी सचिन तक का सफर

भारतीय महिला क्रिकेट टीम की कप्तान मिताली राज ने क्रिकेट को अलविदा कह दिया है. अपने करियर के 23 सालों में मिताली ने महिला क्रिकेट को एक नए मुकाम तक पहुंचाया है. मिताली ने फिलहाल अपने कप्तान रहते हुए ही क्रिकेट को अलविदा कह दिया.

मिताली राज
शताक्षी सिंह
  • नई दिल्ली,
  • 08 जून 2022,
  • अपडेटेड 3:38 PM IST
  • बचपन में देखा था कथक डांसर बनने का सपना
  • पद्म श्री सम्मान पा चुकी हैं मिताली

लेडी सचिन के नाम से क्रिकेट की दुनिया में फेमस मिताली राज ने बुधवार को अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट के सभी फॉर्मेट से संन्यास ले लिया है. उन्होंने अपने ट्विटर हैंडल पर इसकी घोषणा की है. मिताली ने अपने ट्वीट के जरिए सभी को प्यार और समर्थन देने के लिए धन्यवाद कहा है. मिताली ने अपने करियर में अब तक 232 मैच खेले हैं, जिसमें उन्होंने 7,085 रन बनाए हैं. मिताली ने अपने करियर का आगाज जून 1999 में आयरलैंड के खिलाफ एकदिवसीय मैच में किया था. इसके अलावा  इस साल की शुरुआत में न्यूजीलैंड में आईसीसी महिला विश्व कप में भारत की कप्तानी की थी, जहां भारत सेमीफाइनल के लिए क्वालीफाई करने में विफल रहा था. 

अपने करियर के 23 सालों में मिताली ने महिला क्रिकेट को एक नए मुकाम तक पहुंचाया है. मिताली ने फिलहाल अपने कप्तान रहते हुए ही क्रिकेट को अलविदा कह दिया. मिताली टीम में बतौर ओपनर बल्लेबाजी करती है. उनकी कप्तानी में महिला क्रिकेट टीम दो बार वर्ल्ड कप का फाइनल खेल चुकी है. 39 वर्षीय क्रिकेटर का खेल को लेकर जुनून इस कदर है अब मेल क्रिकेटर के अलावा फीमेल क्रिकेटर्स को भी जानने लगे हैं. तो चलिए आज इनके जिंदगी पर एक नजर डालिए.

बचपन में देखा था कथक डांसर बनने का सपना
मिताली का पूरा नाम मिताली राज डोराई है. 3 दिसंबर, 1982 को राजस्थान के जोधपुर के एक तमिल परिवार में जन्मी मिताली को क्रिकेट उनके पिता से विरासत में मिला था. मिताली के पिता धीरज राज डोराई इंडियन एयरफोर्स में पायलट थे. उनके पिता के भी क्रिकेट खेलना शुरू से ही काफी पसंद था. हालांकि हमेशा से मिताली को क्रिकेट में दिलचस्पी नहीं थी. तमिल परिवार से आने के कारण मिताली बचपन में कथक डांसर बनना चाहती थी. इसका असर था कि महज 8 साल की उम्र में वो शास्‍त्रीय नृत्‍य में एक्‍सपर्ट बन गई थी. हालांकि बाद में मिताली के पिता को बेटी थोड़ी आलसी लगने लगी, तो वो मिताली को अपने साथ क्रिकेट खिलाने के लिए ले जाने लगे. पिता के साथ धीरे-धीरे खेलते हुए मिताली को भी क्रिकेट में दिलचस्पी हो गई. फिर वो दिन है, और आज का दिन की मिताली को क्रिकेट के नाम से पूरी दुनिया जानती है.

दमदार रहा मिताली का क्रिकेट करियर
मिताली ने क्रिकेट में अपने प्रोफेशनल करियर की शुरुआत तब की थी, जब वो महज 16 साल की थीं. उन्होंने अपना पहला मैच 1999 में आयरलैंड के खिलाफ खेला था. हालांकि अपने क्रिकेट डेब्यू से पहले ही 1997 में उनका नाम महिला क्रिकेट वर्ल्ड कप के लिए संभावित खिलाड़ियों में शामिल था. लेकिन किसी कारणवश उन्हें वर्ल्ड कप में जगह नहीं मिली. अपने पहले मैच में मिताली ने नाबाद 114 रन बनाए थे. मिताली राज ने अपना पहला टेस्ट मैच 14 जनवरी 2002 को इंग्लैंड के खिलाफ लखनऊ में खेला था और अपने तीसरे टेस्ट मैच में ही उन्होंने नाबाद 214 रनों की ऐतिहासिक पारी खेली थी. अपनी इस शानदार पारी के दौरान उन्‍होने करेन रोल्‍टन के 209 रनों का रिकॉर्ड तोड़ दिया था. मिताली वनडे मैचों में 5500 से अधिक रन बनाने वाली पहली भारतीय महिला क्रिकेट खिलाड़ी हैं. इसके अलावा उन्होंने भारत की सबसे ज्यादा मैचों में कप्तानी भी की है. टेस्ट मैचों में उनका हाई स्कोर 214 रन है. टेस्ट और वनडे मैचों के अलावा मिताली राज 89 टी-20 मैच भी खेल चुकी है. 

पद्म श्री सम्मान पा चुकी हैं मिताली
अपने दमदार खेल के लिए मिताली को कई पुरस्कार भी मिल चुके हैं. 2003 में उन्हें भारत सरकार की तरफ से अर्जुन पुरस्कार से नवाजा जा चुका है. इसके अलावा 2015 में उन्हें पद्म श्री भी मिल चुका है. 2017 में वो यूथ स्पोर्ट्स आइकन ऑफ एक्सीलेंस अवार्ड भी जीत चुकी हैं. इसके अलावा भी मिताली कई उपलब्धियां अपने नाम कर चुकी हैं.

 

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