कोरोना काल में पिता के साथ बेची थी ठेले पर सब्जी, अब हुआ तीरंदाजी वर्ल्ड कप एशियन गेम में सिलेक्शन

कोरोना काल में नीरज चौहान के घर के हालात बेहद खराब हो गए थे, उस स्थिति में नीरज ने पिता के साथ सब्जी तक बेची थी. आज उन्हें तीरंदाजी वर्ल्ड कप एशियन गेम में खेलने का मौका मिल रहा है.

नीरज चौधरी
gnttv.com
  • नई दिल्ली,
  • 29 मार्च 2022,
  • अपडेटेड 4:40 PM IST
  • तीरंदाजी ट्रायल में नीरज को मिला दूसरा स्थान
  • नीरज चौहान के दोनों भाई बॉक्सिंग करते हैं

कोरोना काल में पिता के साथ सब्जी बेचने वाले नीरज चौहान का सिलेक्शन अब तीरंदाजी वर्ल्ड कप टीम में हो गया है. नीरज के पिता मेरठ की एक मेस में खाना बनाने का काम करते हैं. नीरज के परिजनों का कहना है कि हरियाणा के सोनीपत में आयोजित तीरंदाजी ट्रायल में नीरज ने दूसरा स्थान प्राप्त कर यह उपलब्धि हासिल की. उसने कोरोना काल में अपने पिता और भाइयों के साथ ठेले पर सब्जियां तक बेची हैं. 

मूल रूप से गोरखपुर निवासी अच्छेलाल के तीन बेटे हैं. सुनील चौहान 24 साल ( बॉक्सर ), सुमित चौहान 21 साल वह भी बॉक्सर है और नीरज चौहान 19 साल, जो कि तीरंदाज है. अच्छेलाल चौहान मेरठ के कैलाश प्रकाश स्टेडियम में 1992 से मैस में खाना बनाया करते थे, उनकी नौकरी परमानेंट नहीं थी और कोरोना काल में मैस बंद हो गया और उनकी नौकरी चली गई. 

घर के हालात बहुत खराब हो गए और अच्छेलाल को सब्जी का ठेला लगाना पड़ा. अच्छेलाल के साथ उनके तीनों खिलाड़ी बेटे भी ठेले पर सब्जी बेचने लगे और अपने पिता का हाथ बटाने लगे. नीरज और उनके मुक्केबाज भाई सुनील और सुमित ने पिता के साथ ठेले पर सब्जी बेचनी शुरू कर दी. इनका वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ तो केंद्रीय खेल मंत्री किरन रिजिजू ने संज्ञान लिया. मंत्रालय ने दोनों खिलाड़ियों को 5-5 लाख रुपये की मदद की थी. 

तीरंदाजी ट्रॉयल में नीरज ने दिखाया गजब का कारनामा

इसी साल नीरज चैहान का फिलहाल हरियाणा में आईटीबीपी में कॉन्स्टेबल के पद पर चयन हो गया और हरियाणा के सोनीपत में हुए तीरंदाजी ट्रॉयल में नीरज ने ऐसा कारनामा कर दिखाया कि की उस का चयन तीरंदाजी वर्ल्ड कप एशियन गेम के लिए हो गया है. फिलहाल नीरज दिल्ली के खेलो इंडिया हॉस्टल में रहकर तीरंदाजी की प्रैक्टिस कर रहा है. 

नीरज ने गरीबी को नहीं आने दिया सपनों के आड़े

नीरज के चयन पर परिवार में खुशी का माहौल है, पिता अच्छेलाल चौहान ने कहा बेटे ने हमारा नाम रोशन कर दिया है. अब नीरज ने परिवार को बड़ी खुशी दी है और जिले का नाम रोशन किया है. नीरज चौहान के दोनों भाई और माता परमशीला बहुत खुश हैं और बताती हैं कि बहुत परेशानी से उन्होंने अपने बच्चों का लालन-पालन किया है. 

दरअसल, नीरज के पिता को स्टेडियम से घर खाली करने का नोटिस दिया गया है, क्योंकि अच्छेलाल की नौकरी परमानेंट नहीं थी. इसलिए नौकरी अब चली गई और घर खाली करने को भी कहा गया है. अच्छेलाल ने बताया कि उनका पानी का कनेक्शन और बिजली का कनेक्शन भी काट दिया गया है. उन्होंने मांग की है कि उनको थोड़ा टाइम और दिया जाए ताकि वह अपने परिवार के रहने का इंतजाम कर सकें. 

वहीं, स्टेडियम के खेल अधिकारी जीडी बारीकी का कहना है कि अच्छेलाल प्राइवेट तरीके से मैच में खाना बनाते थे और इनको आने-जाने में कोई परेशानी ना हो इसलिए इनको स्टेडियम में एक कमरा दिया गया था. उनकी नौकरी परमानेंट नहीं है इसलिए उनको आवास खाली करने के लिए कहा गया है. 

(उस्मान चौधरी की रिपोर्ट)

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