Nitish Kumar Reddy: सरकारी नौकरी छोड़ किया बेटे के क्रिकेट करियर पर फोकस.. आज टीम इंडिया के ऑल राउंडर हैं नीतीश कुमार रेड्डी, जानिए कैसे पिता के संघर्ष ने दिलाई सफलता

Nitish Kumar Reddy: भारतीय क्रिकेट टीम के खिलाड़ी नीतीश कुमार रेड्डी आज जिस मुकाम पर हैं उसका श्रेय उनके पिता, मुत्याला रेड्डी के संघर्ष को जाता है. उनक पिता ने अपनी सरकारी नौकरी सिर्फ इसलिए छोड़ दी ताकि वह नीतीश के करियर को संवार सकें.

Nitish Kumar Reddy with his parents (Photo: Instagram/@nitish_kumar_reddy_7)
gnttv.com
  • नई दिल्ली ,
  • 14 अक्टूबर 2024,
  • अपडेटेड 1:26 PM IST

भारतीय क्रिकेट टीम के खिलाड़ी नीतीश कुमार रेड्डी का नाम आजकल खूब चर्चा में हैं. नीतीश ने बांग्लादेश के साथ हुई भारत की सीरीज में अच्छा प्रदर्शन करके लोगों का दिल जीत लिया. नीतीश के लिए यह बहुत मायने रखता है क्योंकि पिछले साल उन्हें हर्निया के कारण जिम्बाब्वे दौरे से बाहर कर दिया गया था. 

लेकिन नीतीश बहुत ही प्रतिभाशाली हैं. वह देश के बेहतरीन सीम-बॉलिंग ऑलराउंडरों में से एक हैं. इसलिए उन्हें बांग्लादेश सीरीज के लिए चुना गया और यहां उन्होंने अच्छा प्रदर्शन करके साबित कर दिया की वह टीम के लिए जरूरी हिस्सा हैं. हालांकि, उनकी इस सफलता के पीछे उनके पिता, मुत्याला रेड्डी का संघर्ष है. 

बेटे के करियर के लिए छोड़ी नौकरी 
इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक, जब नीतीश 12 साल के थे, तब उनके पिता हिंदुस्तान जिंक में कर्मचारी थे. उनका तबादला विशाखापटनम से राजस्थान के उदयपुर में कर दिया गया था. हालांकि, वह दुविधा में थे कि उदयपुर जाएं या नहीं क्योंकि उन्हें हिंदी नहीं आती थी. हालांकि, उन्होंने जाने का फैसला किया और नीतीश को हिंदी क्लासेस भी दिलाई. लेकिन यह फैसला उनकी नौकरी के लिए नहीं था बल्कि अपने बेटे के लिए था. 

मुत्याला रेड्डी ने जब देखा कि नीतीश में क्रिकेट का टैलेंट है जिसे निखारा जा सकता है तो उन्होंने इस पर फोकस करना शुरू किया. नीतीश  जिला क्रिकेट में अच्छा खेल रहे थे. उनके ट्रेनर्स ने मुत्याला को भरोसा दिलाया कि नीतीश का भविष्य अच्छा है. इसलिए मुत्याला ने नौकरी छोड़ने और नीतीश का करियर संवारने का फैसला किया. 

लोगों के ताने सुने पर बेटे का साथ नहीं छोड़ा 
मुत्याला ने जब नौकरी छोड़ी और छोटा-मोटा बिजनेस शुरू किया तो बाकी परिवारजनों और दोस्त-पड़ोसियों ने उनके इस फैसले का मजाक उड़ाया. मुत्याला को काफी आर्थिक परेशानियों का सामना भी करना पड़ा लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी. हालांकि, उनके अपने परिवार ने उनका साथ दिया, जैसे उनक भाई ने नीतीश को पहला क्रिकेट गियर लाकर दिया.  मुत्याला को यकीन था कि उनका बेटा क्रिकेट में आगे बढ़ेगा. 

मुत्याला नीतीश को हर दिन वीडीसीए अकादमी छोड़क आते और फिर लेकर आते थे. नीतीश भी हमेशा प्रैक्टिस और ट्रेनिंग के लिए तैयार रहते थे. वह छोटी उम्र से ही क्रिकेट के लिए समर्पित थे. उन्होंने कभी भी ट्रेनिंग सेशन नहीं छोड़ा. 

फिटनेस पर रहता है नीतीश का फोकस 
करियर की शुरुआत में नीतीश एक बैटमैन थे जो कभी-कभी सीम-अप गेंदबाजी करते थे. उनका विलो वर्क गज़ब का था. विजय मर्चेंट टूर्नामेंट के 2017-18 एडिशन में, उन्होंने नागालैंड के खिलाफ एक चौहरे शतक सहित 1237 रन बनाए. नीतीश हमेशा से फिटनेस पर फोकस करते हैं. उन्हें बचपन से सुबह वॉक करने की आदत है. उनके कोच निर्मल कुमार  का कहना है कि नीतीश चाहे गेंदबाजी करे या बल्लेबाजी, उनकी रिकवरी जल्दी हो जाती थी क्योंकि वह हमेशा फिटनेस को महत्व देते थे. यहां तक ​​कि जब भी उन्हें ब्रेक मिलता तो नीतीश हमेशा जिम पहुंच जाते थे. वह जल्दी थकते नहीं थे. जूनियर क्रिकेट में वह बेहतरीन बल्लेबाज और गेंदबाज थे. 

नीतीश को फिटनेस की प्रेरणा अपने आदर्श विराट कोहली से मिली. सिर्फ मास्टर बल्लेबाज ही नहीं, उन्होंने सीनियर खिलाड़ियों से भी बहुत कुछ सीखा है क्योंकि वह हमेशा अपनी उम्र से ज्यादा आयु केटेगरी में खेलते थे. नीतीश अब हार्दिक पंड्या की बताई गई डाइट फॉलो करते हैं. इतना ही नहीं, क्रिकेट में नीतीश को हार्दिक का उत्तराधिकारी माना जा रहा है.

 

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